हरदोई। शहर के प्रसिद्ध श्री गंगेश्वर नाथ महादेव मंदिर बिलहरी में आयोजित साप्ताहिक श्री शिव महापुराण के छठे दिन की कथा सुनाते हुए कथा व्यास परम श्रद्धा आचार्य विमलेश दीक्षित महाराज ने बताया कि जिंदगी में कई बार विपरीत हालातो से भी सामना करना पड़ता है तब हौसला नहीं खोना चाहिए ll
चित्त की शांति और चेहरे की मुस्कान ही हमारे असली ताकत है l भगवान शिव विष पीकर भी मुस्कुराते रहते हैं ll समाज के बिगड़े हालातो पर कथा सुनाते हुए कहा हम बच्चों को साधन की अपेक्षा संस्कार का महत्व अवश्य प्रदान करें ll
जो माता-पिता अपने बच्चों को संस्कार नहीं देते वह माता-पिता अपने बच्चो के शत्रु जैसे होते हैं ll
गृहस्थी में रहकर भी शिव सृष्टि का नियंत्रण सृजन पालन संहार स्वतंत्र रूप से करते हैं ll स्वयं पर नियंत्रण तथा अपने कर्मों का आकलन ही भगवान के तीसरे नेत्रों का रहस्य है llशिव का पहला नेत्र ब्रह्मा अर्थात सृजन करता दूसरा भगवान विष्णु पालन करता है तीसरा स्वयं रूद्र अर्थात प्रिलयंकारी है ll अन्य प्रकार से देखें तो पहले नेत्र धरती दूसरी आंख आकाश और तीसरा सूर्य की ज्योत से प्राप्त ज्ञान अग्नि का है ll यही ज्ञान जब खुला तो कामदेव भस्म हुआ ll संतों का भाव यह है कि विवेक की आंख खुलता है तो कामदेव जैसी बुराई लालच ब्राह्मण अहंकार आदि से स्वयं को दूर कर सकते हैं ll
इस अवसर पर पूर्व प्रधान सर्वेंद्र अग्निहोत्री, रामबाबू शुक्ला, रजनीश वाजपेई,विमलेश बाजपेई आदि लोग उपस्थित रहे ll