दिवंगत माफिया अतीक अहमद के बड़े बेटे उमर अहमद जमानत मिल गई, हालांकि फिलहाल वह जेल से रिहा नहीं हो रहे हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं और उन मामलों में वह जेल में ही रहेंगे. गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उमर अहमद को लखनऊ की सीबीआई की प्रथम कोर्ट ने जमानत दे दी. उमर अहमद को दो मामलों में जमानत मिली है. ये मामले मनी लॉन्ड्रिंग के साथ-साथ देवरिया कांड से संबंधित हैं.
आरोप है कि उमर अहमद ने लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल से मारपीट की थी. यह मारपीट पैसों के लेन-देन को लेकर देवरिया में हुई थी. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था.
लखनऊ सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने ईडी के द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट मामले में उसे जमानत दे दी. मोहम्मद उमर फिलहाल लखनऊ जेल है और जमानत के बाद भी वह वहीं रहेगा, क्योंकि उसके खिलाफ और कई मामले दर्ज हैं.
फिलहाल लखनऊ जेल में ही रहेंगे उमर
लखनऊ के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित के अपहरण और हमले के सिलसिले में सीबीआई कोर्ट में सरेंडर करने के बाद उमर फिलहाल लखनऊ जेल में बंद है.
उमर अहमद उमेश पाल की हत्या का मामला भी दर्ज है. पुलिस ने इससे पहले कहा था कि उमर ने उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूल की थी. उमर ने पुलिस को बताया था कि उसके छोटे भाई असद ने अन्य हमलावरों के साथ बरेली जेल से लौटने के बाद उससे मुलाकात की थी.
उमर के खिलाफ चल रहे हैं कई मामले
उसने अपने चाचा अशरफ से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने उमेश पाल की हत्या की योजना को अंतिम रूप दिया था. असद ने उमर को योजना और हमलावरों के बारे में बताया जो अपने पिता अतीक और चाचा अशरफ के निर्देश पर उमेश पाल की हत्या करने वाले थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पहले जुटाए गए साक्ष्य, गिरफ्तार आरोपियों के बयान, उमर और अली से पूछताछ से पता चलता है कि वे उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल थे.
गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में पहली चार्जशीट मई 2023 में आरोपी सदाकत खान के खिलाफ दाखिल की थी. इसके बाद अतीक के वकील खान सौलत हनीफ, अतीक के साले डॉ. एखलाक समेत आठ आरोपियों के खिलाफ दो पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थीं.