आगरा में अंडरग्राउंड मेट्रो को लेकर काम चल रहा है. बिजलीघर से लेकर आरबीएस कॉलेज स्टेशन तक आगरा में मेट्रो अंडरग्राउंड है और हर दिन तेजी से आरबीएस से राजा की मंडी स्टेशन के बीच दोनों ओर की टनल का काम पूरा हो चुका है लेकिन बिजलीघर यानी मनकामेश्वर मंदिर स्टेशन से लेकर आगरा कॉलेज तक सुरंग बनाने के लिए दिन रात काम चल रहा है. लेकिन इस टनल के निर्माण के लिए लोगों के घर भी खाली कराए जा रहे हैं.
12 मकान कराए गए हैं खाली
आगरा मेट्रो की टनल मोतीकटरा एरिया से भी होकर निकल रही है. मोतीकटरा के नीचे भी अंडरग्राउंड मेट्रो का काम चल रहा है. कुछ महीने पहले से मेट्रो के काम के कारण मकानों में दरार आने की खबरें भी सामने आई हैं, लेकिन अब दीवाली से पहले मेट्रो की ओर से लोगों के घर भी खाली कराए जाने लगे हैं. ऐसे में लोगों के सामने परेशानियां भी खड़ी हो गई हैं. मेट्रो की ओर से इस समय करीब 12 से 15 मकान खाली कराए गए हैं.
होटल में रहो या 500 रुपये प्रति व्यक्ति लो
आगरा मेट्रो के पीआर के अनुसार मकान खाली कराने के लिए लोगों को यूपीएमआरसी की तरफ से दो आफर दिए जाते हैं. एक तो मेट्रो की ओर से खाली कराए गए मकानों के लोगों को होटल में शिफ्ट कराया जाता है. अगर वह अपने किसी परिचित या रिश्तेदार के यहां जाना चाहते हैं तो उन्हें 500 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है. ऐसे में खाली कराए गए मकानों के लोग इनमें से कोई भी आप्शन चुन सकते हैं.
अतिसंवेदनशील एरिया के ही होते हैं मकान खाली
मेट्रो पीआर के अनुसार खाली कराए गए मकान अतिसंवेदनशील एरिया वाले ही होते हैं. जिस जगह टीबीएम द्वारा अंडरग्राउंड खुदाई की जा रही होती है, यानी जिस लोकेशन पर टीबीएम होगी उस प्वाइंट से आगे की दिशा में 40 मीटर और पीछे की दिशा में 30 मीटर तथा दाएं तथा बाएं 15—15 मीटर का एरिया अतिसंवेदनशील होता है और इस अतिसंवेदनशील इलाकों में पड़ने वाले पुराने व नये मकानों को यानी सभी को खाली कराया जाता है.
एक दिन में 12 मीटर खुदाई करती है टीबीएम
मेट्रो अधिकारियों के अनुसार एक टीबीएम एक दिन में 12 मीटर की खुदाई करती है. एक दिन में 12 मीटर खुदाई करने के बाद जैसे—जैसे टीबीएम आगे बढ़ती जाती है, अतिसंवेदनशील एरिया भी उसी दायरे में बढ़ता जाता है. जहां अतिसंवेदनशील दायरा कम होता जाता है, वैसे ही खाली कराए गए मकानों की जांच पड़ताल के बाद लोगों को पुनः उनके मकानों में शिफ्ट कराया जाता है.
इस पूरे मामले में मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि यह एक पूरी प्रक्रिया है जिसके तहत काम किया जाता है. अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए पहले सर्वे कराया जाता है, जो भी मकान मेन लाइन के ऊपर या उसके अतिसंवेदनशील दायरे में आते हैं, उन्हें पहले से सूचित किया जाता है. कुछ समय के लिए ही ये मकान खाली कराए जाते हैं और जितने भी दिन के लिए मकान खाली कराए जाते हैं उस दौरान लोगों को मेट्रो की ओर से होटल या किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाता है.