क्षेत्रों में, अभिलेखों में, शासन को भेजी सूचनाएं भी भ्रष्ट शैली का प्रमाण।
ब्यूरो बांदा
बांदा-आज दिनांक 24/102024 अपरांह 2-00बजे एंटी करेप्सन की टीम ने उपसंचालक चकबंदी (अपर जिलाधिकारी न्यायिक बांदा) के न्यायालय मे घूस लेते पेशकार रामचंद को रंगे हाथों पकडा।25,000रु0 गोयरा मुगली बांदा के एक काश्तकार जमील खां पुत्र हबीब उल्ला,से काम के एवज मे लेने का है। पेशकार को भ्रष्टाचार निरोधक टीम पकडकर देहात कोतवाली बांदा ले गयी है जहाँ पूछताछ जारी है।
चकबंदी विभाग बांदा में भ्रष्टाचार तूफान की तरह किसानो मे तबाही फैला रहा है जिसकी यह बहुत छोटी झाँकी है। विगत तीन वर्ष से चकबंदी ग्राम सिलेहटा, बंहिगा, खप्टिहाखुर्द उमरेहंडा आदि मे ब्यापक भ्रष्टाचार /अभिलेखीय हेरा-फेरी की शिकायते क्रषको द्वारा मुख्यमंत्री, चकबंदी आयुक्त, मंडलायुक्त चित्रकूट बांदा, जिलाधिकारी बांदा को दी गई, लेकिन प्रशासन के बैठे डीडीसी व एसोसी ने समस्या के निस्तारण की जगह उसे अपनी जाँचो में छिपाया दबाया।इन्ही शिकायतो पर एक गैर जनपदीय जाँच मै तीन चकबंदी अधिकारी एक लेखपाल, एक कानूनगो, एक नायब दोषी करार दिये गये।इसके बाद भी बिना काम के फर्जी शासन को सूचना भेजने व भ्रष्टाचार पर कोई कमी किसी भी स्तर पर नही हुई। पुनः परेशान तीनों ग्राम के किसानो ने कचेहरी स्थिति अशोक लाट डीएम बांदा के कार्यालय के सामने सैकडो महिला पुरुषो ने अनिश्चित कालीन अनशन भा0कि0यू0 (अरा0)बांदा के बैनर तले 15/7/2024से शुरू कर दिया। 18/7/2024को डीएम बांदा के आश्वासन पर कि बंहिगा, खप्टिहाखुर्द की चकबंदी निरस्त होगी, सिलेहटा की जाँच पर कार्यवाही होगी एडीएम प्रशासनिक जाँच करेंगे, एक सप्ताह मे एसोसी के पेशकार जो 6वर्ष से एक ही पटल पर कार्यरत है हटाया जाएगा,डीडीसी पेशकार रामचंद जिसको आज रंगे हाथों एंटी करेप्सन टीम ने पकडा है उसके खिलाफ की गयी भ्रष्टाचार पर कार्यवाही की जाएगी, बिना परमीसन भूमि कार्यरत क्षेत्र हटेटीपुरवा बांदा मे पत्नी के नाम बैनामा लेने, ग्राम समाज की भूमि की मिट्टी बेचने, एसोसी चित्रकूट की जाँच मे दोषी लेखपाल पर कार्यवाही करने व नायब चकबंदी बांदा पर आरोपित जाँच,नदी में चक काटने, बहिंगा,खप्टिहाखुर्द के म्रतक किसानो की जाँच का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन माह बाद भी किसी प्रकरण पर कोई जाँच व कार्यवाही नही की गयी। तीनो ग्रामो के किसानो ने पीछे कदम नही खीचे चकबंदी विभाग बांदा अपना भ्रष्टाचार दबाए रखने के लिए सभी नियम कानून व्यवस्था को दफन कर कागजों मे दौडती चकबंदी को धारा 52कर पिंड छुडाना चाहता था लेकिन अपराध सिर चढकर बोलते है। चकबंदी आयुक्त के आदेश पर निदेशालय से टीम दिनांक 23/7/2024को बांदा आई, जाँच टीम की सिफारिश पर एक सहायक चकबंदी अधिकारी, एक चकबंदी अधिकारी बांदा को निर्लम्बित कर दिया गया,पूर्व से निर्लम्बित एक लेखपाल,सहायक चकबंदी अधिकारी व चकबंदी अधिकारी पर चार्ज बढाने, नदी पर बने चको पर एक डीएम द्वारा कमेटी गठित करने का आदेश दिया गया। बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी को कार्य के प्रति शिथिलता का दोषी पाया गया।लेकिन कार्य संस्कृति मे कोई सुधार नही हुआ जिसका नतीजा आज की घटना है, जो बांदा की चकबंदी विभाग मे एक और बदनुमा दाग है।यदि समय रहते इस पर ध्यान नही दिया गया तो चकबंदी विभाग बांदा शासन व प्रशासन के लिए कलंक व किसानो के लिए हानिकारक होगा। इस सम्बन्ध मे विभिन्न स्रोतों से मीडिया द्वारा अपने प्रकाशन से सावधान किया जाता रहा है जिसकी अनदेखी आज सबने आँखो देखी।