कांग्रेस और भाजपा ने रविवार को उत्तराखंड में 20 नवंबर को होने वाले केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी ने प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष आशा नौटियाल को मैदान में उतारा है. नौटियाल 2002 और 2007 में बीजेपी के टिकट पर इस सीट से चुने गए थे. पूर्व पत्रकार, मनोज रावत 2017 में केदारनाथ से जीते थे. वह 2022 के चुनावों में बीजेपी की शैला रानी रावत से हार गए.
बीजेपी विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है. साल 2017 में केदारनाथ सीट से पहली बार विधायक बने मनोज रावत को 2022 के विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था. रावत ने पत्रकारिता के क्षेत्र से राजनीति में कदम रखा है.
नामांकन की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है
उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है जबकि 30 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी एवं नाम वापस लेने की अंतिम तिथि चार नवंबर है. केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि चुनाव के लिए क्षेत्र में 173 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. विधानसभा क्षेत्र में 90,540 मतदाता हैं जिसमें 45,775 महिला मतदाता शामिल हैं.
उपचुनाव काफी अहम
यह उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम माना जा रहा है. दोनों ही दल एक दूसरेको पटखनी देने के लिए सियासी बिसात बिछा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 5-0 से पटखनी देने के बाद प्रदेश में हुए दो विधानसभा उपचुनाव बदरीनाथ और मंगलौर में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था जिसे देखते हुए पार्टी इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.
पार्टी के कार्यकर्ता लगातार जनता के बीच में
उपचुनाव को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और पार्टी मामलों के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता लगातार जनता के बीच में सक्रिय हैं. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जनता के लिए किए गए कार्यों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं उनके मार्गदर्शन के प्रति जनता के लगातार बढ़ते विश्वास की बदौलत केदारनाथ में बीजेपी बड़ी जीत हासिल करेगी.