ब्यूरो चित्रकूट
चित्रकूट। भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में कामदगिरि श्रीभगवान के प्रथम मुखारविंद से लेकर समस्त प्रसिद्ध मंदिर व आश्रमों में 56 प्रकार के पकवानों से श्री भगवान के भोग लगाएं गाये और विशाल भंडारों के आयोजन किए गए।इसी कड़ी में नांदी के पाताली सुप्रसिद्ध श्री हनुमानजी आश्रम में भी अन्नकूट महोत्सव पर भगवान श्री हनुमानजी महाराज में 56 प्रकार के पकवानों का भोग लगा कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। आश्रम के बालब्रह्मचारी महंत महेंद्र दास द्वारा बताया गया कि नांदी श्री हनुमानजी की दिव्य मूर्ति अति प्राचीन पाताली मूर्ति है जिसका एक पैर पाताल लोक में आज भी विद्यमान है। और आगे बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज प्रतिदिन राजापुर से पैदल चलकर नांदी श्री हनुमानजी की पूजा अर्चना करने के लिए आते थे।जिसका उल्लेख शास्त्रों में उपलब्ध है। आश्रम के महंत महेंद्र दास द्वारा आगे बताया गया कि नांदी श्री हनुमानजी महाराज के दर्शन व भंडारे करने के लिए दर्शनार्थी भारत के विभिन्न प्रांतों से उपस्थित होते हैं। और मंगलवार व शनिवार को यहां हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है। दर्शनार्थियों द्वारा बताया गया कि नांदी श्री हनुमानजी महाराज की ऐसी अनुकंपा है कि ठाकुर जी महाराज के दरबार में जो भी याचक सच्चे मन के साथ अपनी अर्जी लगाता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। और यही कारण है कि नांदी श्री हनुमानजी आश्रम यूपी में ही नहीं बल्कि भारत के कई प्रांतों सहित विदेशों में भी एक अनुकरणीय आश्रम के नाम से जाना जाता है।