चित्रकूट जिले में श्रेणी-6 की सार्वजनिक भूमि (आम रास्ते) पर कब्जे का मामला तूल पकड़ रहा है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कुछ दबंगों ने तहसीलदार, एसडीएम और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से इस भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सहित कई उच्च पदस्थ नेताओं और मंत्रियों को 360 से अधिक पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने अपनी शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी , जयवीर सिंह कैबिनेट मंत्री , नीरज बोरा विधायक लखनऊ, पूर्व विधान सभा सदस्य सरोजनी अग्रवाल ने भी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को लिखा पत्र और अन्य अधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया। इसके बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से दबंगों का हौसला बढ़ता जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को भी कई बार ईमेल के माध्यम से शिकायत भेजी, जिसके बाद उनके द्वारा मामले को विशेष सचिव राम केवल सिंह को भेजा गया। हालांकि, पहले अवैध कब्जा हटाने और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि यदि उनके या उनके परिवार के साथ कुछ भी अनहोनी होती है, तो इसके लिए जिला अधिकारी चित्रकूट और राजस्व विभाग जिम्मेदार होंगे। उन्होंने सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा है कि यदि वह गलत हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन अगर अधिकारी दोषी हैं, तो उन्हें भी बख्शा न जाए।शिकायतकर्ता के घर में डर का माहौल बना हुआ है, न बच्चे पढ़ाई पर ध्यान दे पा रहे हैं न घर से बहार निकल पा रहे हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।