ब्यूरो एन के मिश्रा
बांदा- जनपद मुख्यालय के मुख्य शहर स्थित ऋषि बामदेव की तपोस्थली, जहां भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास की अवधि में भगवान शंकर का जलाभिषेक किया था। उसे पवित्र स्थल को हम वामदेवेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं। जो पूरे पर्वत पर स्थित है के पश्चिम भाग में पूर्व समय में भी हिंदू आबादी से जिसमें वाल्मीकि समाज के लोग रहते चले आ रहे थे, स्थानीय लोगों के मुताबिक एक रहने वाली वृद्ध स्त्री को तथा कथित कुछ लोगों ने मनगढ़ंत बातें बताते हुए स्वप्न में मनगढ़ंत कपोल कल्पित घटनाओं का जिक्र कर मानसिक रूप से वृद्ध स्त्री पर भय व दबाव बनाते हुए, उक्त जमीन को अपने कब्जे में लेकर पत्थरों के ऊपर एक 8×20 की मजार का निर्माण कर लिया गया। जबकि किसी भी व्यक्ति की मजार के लिए मिट्टी वाली जमीन का होना आवश्यक होता है। उक्त प्रकरण का संज्ञान जिला प्रशासन को लिखित स्तर पर कई बार दिया गया था। सरकारी अभिलेखों में दर्ज न होते हुए भी शासन की सुस्त कार्यशैली के चलते हालात बदलते रहे ।
आजाद नगर के कुछ षड्यंत्रकारी तथा कथित कुछ लोगों के द्वारा अपनी मुहिम को तेज रखते हुए समय पर एक मस्जिद का निर्माण कार्य कर लिया गया। जबकि स्थानीय लोगों के द्वारा इस मामले में विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष चंद्र मोहन बेदी सहित हिंदूवादी संगठनों को संज्ञान दिया गया कि यहां पर हिंदू आबादी और बाल्मीकि समाज के लोग रहते हैं यहां किसी भी प्रकार की कोई भी मजार जैसा कुछ भी नहीं था कुछ विशिष्ट मानसिकता को लेकर यह मस्जिद का निर्माण किया गया है शासन से अभिलेखों की जांच का निवेदन करने के बाद भी प्रशासन के राजस्व कर्मचारियों के द्वारा किसी भी प्रकार की स्पष्ट जांच ना करना भी प्रशासनिक अमले की ओर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
विश्व हिंदू परिषद के समस्त कार्यकर्ताओं का एक दल अवैध निर्मित मस्जिद परिसर के समीप में पहुंचे पुलिस की अभिरक्षा में प्रशासन से हस्ताक्षेप कर अवैध निर्मित की गई मस्जिद को गंभीरता से लेते हुए भारतीय संविधान के सन 2009 के अधिनियम अवैध किए गए निर्माण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को अमल में लेते हुए कार्यवाही करने की मांग विश्व हिंदू परिषद के द्वारा की गई है जिससे समाज के अंदर पूर्ण रूप से फैले अंतर्द्वंद को समाप्त करने का कार्य किया जावे। सरकारी अभिलेखों में उक्त भूमि नॉन जेड की है। स्थानीय लोगों के द्वारा भी इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विधि मान्य कार्रवाई की मांग की गई है। जिसका नेतृत्व जिला अध्यक्ष चंद्र मोहन बेदी विश्व हिंदू परिषद के द्वारा किया गया।