ब्यूरो उन्नाव
बांगरमऊ, उन्नाव। नगर कृष्ण लीला मैदान में श्री दुर्गेश्वर कृष्ण लीला समिति द्वारा आयोजित कृष्ण लीला एवं रामलीला महोत्सव में आज सोमवार की सुबह धनुष यज्ञ लीला का मंचन किया गया। लीला में राजा जनक का विलाप देखकर श्रोता अपने आंसू नहीं रोक सके।
राम चरित मानस के कथानक स्वामी भारत भूषण महराज द्वारा मंचित किया गया कि राजा जनक अपनी पुत्री सीता का विवाह शंकर का धनुष तोड़ने वाले योद्धा के साथ करने का प्रण लेते हैं। जनक अपनी पुत्री के स्वयंवर के रूप में धनुष यज्ञ का आयोजन करते हैं । गुरु विश्वामित्र अपने शिष्य राम और लक्ष्मण को लेकर धनुष यज्ञ में शामिल होने जनकपुरी पहुंचते हैं। यज्ञ स्थल पर ही रावण और बाणासुर के मध्य तीखा संवाद होता है। तब जनक का विलाप सुनकर दर्शकों के नेत्र अश्रुपूरित हो गए। बाद में भगवान परशुराम के यज्ञ स्थल पर पदार्पण के समय लक्ष्मण और परशुराम के मध्य घंटों तक वेदों और शास्त्रों में वर्णित आख्यान प्रस्तुत कर जमकर वाद-विवाद होता है। इसी के बाद विश्वामित्र शुभ समय जानकर राम को धनुष तोड़ने का निर्देश देते हैं। धनुष टूटते ही पूरा पंडाल जय श्री राम के नारे से गूंज उठता है। आज धनुष यज्ञ लीला देखने पांडाल में हजारों दर्शक उमड़े।