ब्यूरो बांदा
नरैनी/ बांदा, 13 नवम्बर। नारी सशक्तिकरण महज़ खाना पूर्ति। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान गुंडा माफिया धूलधूसरित करते नजर आ रहे हैं। पीड़ित महिला पत्रकार ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि थाने आने के बाद महिलाओं के साथ अभद्रता करने वालों के सामने महिलाओं पर अत्याचार करने वाले गुंडा मवालियों को सुरक्षा देकर महिलाओं की इज्जत तार तार करवा रहे हैं। चित्रकूट के बरगढ थाना क्षेत्र में नर्स के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद पुलिसिया कार्यवाही नारी सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा रही है। दुष्कर्म पीडिता आज भी जीवन मौत के बीच संघर्ष कर रही है। महिला सुरक्षा अभियान में बांदा जनपद की महिला पत्रकार माया तिवारी के साथ कुछ दबंगों ने अभद्रता की और धमकाया यहाँ भी पुलिस दबंगों के साथ खडी नजर आई। जब कि दबंगों की अभद्रता और धमकी का आडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें पुलिस को भी वह दबंग गालीगलौज कर रहा है। महिला पत्रकार के शिकायत पर उन दबंगों पर कार्यवाही करने के बावजूद गिरवां पुलिस उनके घर जाकर अपनी खाकी को ताक में रखकर पुलिस को गाली देने वालों की दावत करती रही। गिरवां थाना पुलिस ने मुख्यमंत्री के उस आदेश को धता बता दिया जिसमें पत्रकारों को सुरक्षा देने उनके साथ अभद्रता करने वालों के खिलाफ तत्काल कडी कार्रवाई करने को कहा गया है। जब एक महिला पत्रकार के साथ घटी घटना में पुलिस का यह रोल है तो आम महिलाओं को पुलिस कितना सहयोग करती होगी एक बड़ा सवाल है।
बांदा जनपद के गिरवां थाना क्षेत्र से एक चैनल की तेज तर्रार महिला पत्रकार माया तिवारी का कहना है कि कुछ दिन पहले वह बीमार थी उसी दौरान एक अनजान नम्बर से फोन आया जैसी ही फोन उठाया दुसरी ओर से एक दबंग जो शायद शराब के नशे में भी था गाली गलौज शुरू करते हुए निपटा देने की धमकी देते हुए कहा जा कही भी मेरे खिलाफ शिकायत कर दे भद्दी भद्दी पुलिस को भी गाली देकर बोला पुलिस की औकात नही कि मेरे खिलाफ कुछ कर ले। फोन में उक्त दबंगों ने एक महिला के साथ जितनी भी अश्लीलता की जा सकती है किया। जिसका आडियो सोशल मीडिया में जोरदारी से वायरल हो रहा है जिसमें महिला पत्रकार के साथ अभद्रता अश्लीलता व पुलिस के गाली गलौज स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है। गिरवां थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश तिवारी भी वायरल आडियो को सुन चुके हैं।
पुलिस प्रशासन कौन सी बात को लेकर उक्त दबंगों के आगे शरणागत है यह तो वो खुद ही बता सकते हैं? जब महिला बीमारी से राहत पाने के बाद थाना गिरवां आई तो पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए साधारण धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। मोबाइल नंबर के आधार पर सुनील शुक्ल, अभिषेक शुक्ल व अशोक शुक्ल का नाम आगे आया। तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तो पंजीकृत कर दिया गया किंतु रसूखदार दबंगों के खिलाफ गिरफ्तारी का कोई कदम नहीं उठाया जिससे उनके मंसूबे और बढ गए हैं और महिला पत्रकार को धमका रहे हैं। दबंग कभी भी महिला पत्रकार के साथ कोई बड़ी घटना भी कर सकते हैं अगर उन्हें इसी तरह गिरवां पुलिस का संरक्षण मिलता रहा। इस मामले की शिकायत आला अधिकारियों को दी गई है किंतु गिरवां पुलिस पर कितना असर पडेगा समय बताएगा।
बांदा के पत्रकारों ने महिला पत्रकार के साथ घटी घटना की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्यवाही करते हुए गिरफ्तारी की मांग की है।