खेतासराय-जौनपुर
पोरई में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस मुख्य यजमान डॉ. कुँवर यशवंत सिंह ने पूजन कर कथा का शुभारम्भ कराया। पं. अखिलेश चन्द्र मिश्र ने भगवान श्रीकृष्ण की बाललीला का बड़ा ही भावपूर्ण व्याख्यान सुनाया।पूतना उद्धार के प्रसंग में उन्होंने बताया कि पूतना की दृष्टि पड़ते ही भगवान ने अपने दोनो नेत्रों को बन्द कर लिया। नेत्र मूंद लेने के विषय में अनेक कारणों के साथ उन्होंने बताया कि प्रभु ने अपने नेत्र इसलिए मूंद लिए क्योंकि प्रभु कहना चाहते हैं कि यदि आपको आँखे मिली हैं तो दृष्टि वहीं डालो जो दृष्टि का पात्र हो यदि कुपात्र सामने आ जाय तो नेत्र मूंद लेने में ही अपना हित होता है।मृद्भक्षण के माध्यम से प्रभु ने अपनी मैया यशोदा को समस्त ब्रह्माण्ड का दर्शन कराया।भगवान का प्राकट्य होते ही अघासुर बकासुर इत्यादि का उद्धार इस बात का संकेत देता है कि हृदय में भगवत्स्मरण होते षड रिपुओं से निवृत्ति मिल जाती है।गोवर्धन पूजा करके प्रभु ने इन्द्र का अभिमान दूर किया और ब्रजवासियों को अपनी पूजा का फल प्राप्त कराया।इस अवसर पर अजय प्रताप सिंह,भानु प्रताप सिंह, संजू सिंह,श्याम सुन्दर पाण्डेय,कमला प्रसाद सिंह, गणेश प्रसाद यादव,प्रमोद कुमार यादव,आनंद कुमार यादव,सौरभ कुमार सिंह,मंगलम सिंह,राजेश सिंह,मनोज कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह, प्रेम सुन्दर पाण्डेय सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।