झांसी : मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में आग से 10 बच्चों की मौत हो गई. घटना के बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. उन्होंने इमरजेंसी वार्ड और चिल्ड्रेन वार्ड में पहुंचकर घायलों का हाल जाना. सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर सहायता राशि का भी ऐलान कर दिया गया है. मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे. वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, बसपा मुखिया मायावती और सपा चीफ अखिलेश यादव ने भी हादसे पर अफसोस जाहिर किया है.
मीडिया से बातचीत में डिप्टी सीएम ने कहा कि 17 नवजात बच्चों का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. 7 घायल बच्चों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है. 8 बच्चे अपने माता-पिता के साथ घर चले गए है. 6 बच्चों के परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इसके लिए प्रयास चल रहा है.
उन्होंने कहा कि अभी हमारी प्राथमिक सबसे पहले घायल बच्चों को बेहतर इलाज दिलाना है. मामले की अस्पताल, जिला और राज्य स्तरीय जांच के आदेश मुख्यमंत्री की तरफ से दिए गए हैं. जांच के बाद मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. डिप्टी सीएम ने बताया कि आग लगने के बाद सबसे पहले वार्ड ब्वॉय ने अग्निशमक यंत्रों को चलाया लेकिन ऑक्सीजन के कारण आग भड़क गई. बच्चों के जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है, जरूरत पड़ी तो उनका डीएनए टेस्ट भी होगा.
वहीं पीएम मोदी ने अफसोस जाहिर करते हुए लिखा है कि हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है. इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं. ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे. राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गहरा दुख जताया है. उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये, जबकि गंभीर घायलों के परिवार को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री पूरी रात घटनास्थल से पल-पल की अपडेट लेते रहे.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट किया है. उन्होंने पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने की मांग सरकार से की है. उन्होंने लिखा है कि झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति दुखद घटना से कोहराम व आक्रोश स्वाभाविक है. ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों कानूनी सजा जरूरी मिले. ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे.
वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है. सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि. आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है. ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर खराब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का. इस मामले में सभी जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो. मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए. जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं.
अखिलेश यादव ने आगे लिखा है कि ये सरकारी ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है. आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जांच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे. रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है. संकीर्ण-साम्प्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियाँ करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है.