उन्नाव। पुरवा-पाटन मार्ग पर गड़रिया खेड़ा मोड़ के पास स्थित धर्मकाटा और बिहार थाना क्षेत्र के अन्य धर्मकाटों में हरे नीम, आम, महुआ और अन्य फलदार एवं छायादार पेड़ों की लकड़ी की अवैध खरीदारी जोरों पर है। इन धर्मकाटों में भारी मात्रा में प्रतिबंधित लकड़ी को इकट्ठा किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इन पेड़ों की लकड़ी को बिना किसी वैध अनुमति के खरीदा और बेचा जा रहा है। इस अवैध व्यापार में शामिल लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों का कोई डर नहीं है, क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी इस पूरी गतिविधि को देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे पर कई बार अधिकारियों को सूचित किया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस गंभीर मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस अवैध व्यापार पर जल्द ही रोक नहीं लगाई गई तो पर्यावरणीय संतुलन को बड़ा खतरा हो सकता है। हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता भी प्रभावित हो रही है।
वन विभाग और पुलिस प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस अवैध गतिविधि पर तुरंत रोक लगाएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही कदम नहीं उठाए, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
यह घटना फिर से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है और इस बात की पुष्टि करती है कि जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे, ऐसे गैरकानूनी कार्य चलते रहेंगे।