उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा महुआखेड़ा स्थित कास्टिंग यार्ड में आगरा मेट्रो के भूमिगत भाग में टनल निर्माण हेतु रिंग सेगमेन्ट्स की कास्टिंग कार्य पूरा हो गया है। इस अवसर पर परियोजना निदेशक आगरा अरविंद कुमार राय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे । आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर में लगभग 7 कि.मी. लंबे भूमिगत भाग में 5.8 मीटर व्यास की दो समानांतर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। भूमिगत भाग के लिए कुल 8300 रिंग हेतु सेगमेन्ट्स की कास्टिंग की पूरी हो गई है।
टनल निर्माण की प्रक्रिया में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) द्वारा मिट्टी की कटाई के बाद टीबीएम के जरिए इन रिंग सेगमेंट्स को लगाकर टनल का निर्माण किया जाता है। प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित रिंग के 6 अलग-अलग हिस्से मिलकर 5.8 मीटर व्यास की एक रिंग का निर्माण करेंगे। टनल रिंग के सभी सेगमेंट्स एक-दसरे से इंटरलॉक्ड होने के साथ ही पिछली व अग्रिम रिंग के साथ इंटरलॉक्ड होंगे। इसी क्रम में टनल का निर्माण किया जाएगा।
टनल निर्माण प्रक्रिया में सबसे पहले टीबीम की लॉन्चिंग हेतु एक लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण किया जाता है। इस बाद गैन्ट्री क्रेन की मदद से टनल बोरिंग मशीन के विभिन्न हिस्सों को लॉन्चिंग शाफ्ट में उतार कर उन्हें असेम्बल किया जाता है। इसके बाद टीबीएम के पिछले हिस्से में कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित टनल रिंग के हिस्सों को रखा जाता है। एक टीबीएम मशीन एक दिन में औसतन 10 मीटर टनल का निर्माण करती है। आगरा मेट्रो टनल की औसत गहराई लगभग 16 मीटर है, जबकि अधिकतम 20 मीटर है।
टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम हिस्से को कटर हैड कहा जाता है, जिसकी मदद से सुरंग की खुदाई की जाती है। आगरा मेट्रो द्वारा प्रयोग की जाने वाली टीबीएम का डायामीटर 6.6 मीटर होगा। कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यावस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है। इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है।
अगले साल तक आईएसबीटी तक शुरू होगा सफर
मेट्रो से जुड़े सूत्रों के अनुसार मनकामेश्वर मेट्रो स्टेशन से आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन तक का काम काफी तेजी से चल रहा है. मनकामेश्वर से आगे के चार स्टेशन मेडिकल कॉलेज, आगरा कॉलेज, राजा की मंडी और आईएसबीटी अंडरग्राउंड हैं. इसके बाद मेट्रो ऐलिवेटेड रूट पर आएगी और आईएसबीटी स्टेशन, गुरुद्वारा गुरु का ताल और सिकंदरा स्टेशन तक जाएगी. अक्टूबर 2025 तक आईएसबीटी स्टेशन तक मेट्रो शुरू हो सकती है.
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।