आगरा पिछले नौ महीनों से जिले के आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्रियों के मजदूर धनतेरस के अवसर पर अपने वेतन और पीएफ की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लंबे समय से वेतन और अन्य मुद्दों पर लड़ाई लड़ रहे इन मजदूरों को अब अपने परिवार का पेट पालने के लिए दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है। मजबूर होकर, ये सभी मजदूर जिला मुख्यालय पहुंचे हैं और अब डीएम से सहायता की गुहार लगा रहे हैं ताकि वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।
कई महीनों से भी नहीं मिला वेतन
फैक्ट्रियों के मजदूर अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मजदूरों का आरोप है कि उनकी तनख्वाह का हिस्सा काटकर उनका पीएफ जमा नहीं किया गया और उन्हें पिछले कई महीनों से वेतन भी नहीं मिला है। यह स्थिति न केवल उनकी आजीविका पर सीधा असर डालती है, बल्कि उनके भविष्य की सुरक्षा को भी खतरे में डालती है डीएम को सौंप चुके ज्ञापन
किसान मजदूर नेता दिलीप सिंह के नेतृत्व में इन मजदूरों ने प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कई बार प्रदर्शन किए और ज्ञापन सौंपे। लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला, तो उन्होंने इस अनोखे तरीके से विरोध जताया और शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंच कर तीन दर्जन से अधिक मजदूर हाथों में कटोरा लेकर भीख मांगते हुए दिखाई दिए। यह कदम उनके गहरे निराशा और प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है।
बड़ा हो सकता है आंदोलन
मजदूरों की समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो यह आंदोलन और बड़े पैमाने पर हो सकता है, जिससे प्रशासन और फैक्ट्री मालिकों पर दबाव बढ़ेगा। यह प्रशासन और उद्योगों के लिए एक चेतावनी है कि श्रमिकों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल किया जाए, ताकि ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।
मजदूरों ने दी चेतावनी
मजदूरों के नेता दिलीप सिंह ने यूपी टाइम्स को बताया कि अगर जिला प्रशासन ने अभी भी भीख के रूप में हमारी मांग को पूरा नहीं किया तो सभी मजदूर मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी के साथ-साथ जिले के सभी बड़े कारोबारियों और चौराहों पर अपने परिवार के पेट की आग को बुझाने के लिए भीख मांगेंगे