विवेचक के ऊपर आरोप,विवेचक बदलने की मांग।
शिकारी के पिंजड़े में बैठा पक्षी, फिर भी आजाद परिंदा ?
ब्यूरो बांदा
बांदा- जनपद के गिरवा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत की रहने वाली बच्चों वाली ब्याहता महिला के विरुद्ध योजना बनाकर,सीधी सादी पीड़ित महिला के साथ कूट रचित छल प्रपंच के द्वारा पति के इलाज़ कराने का प्रलोभन देकर मूर्ख महिला का अपहरण कर,शरीर पर पहने आभूषण एवं मोबाइल फोन की छीनैती/लूट,लंबे समय तक अलग अलग लोगों के द्वारा किए गए बलात्कार के उपरान्त,गुलाम की तरह बच्चों वाली महिला की खरीद फरोख्त में दूसरे को बेच कर,जान से मारकर फेकने की धमकी दी गई। खरीदने वाले कथित व्यक्ति के द्वारा पुनः बलात्कार के क्रम की शिकार बनी महिला ने अपने साथ घटी घटना में शामिल लोगों के ऊपर आरोप लगाते हुए बताया है कि। पूरी घटना की योजना को अंजाम देने वाले अभियुक्तों पर थाना गिरवा में 12 अक्टूबर 2024 को अपराध संख्या – 291/2024,धारा – 64,309 (4),127(2), 351 (3), 3 (5) BNS,थाना हाजा शेष आदि के उपर अभियोग पंजीकृत किया गया है। जिसकी विवेचना उप निरीक्षक भार्गव को सौंपी गई है।
अभियोग में छै: व्यक्ति को नामजद एवं दो व्यक्ति अज्ञात जो अभियुक्त से संबद्ध है जिनको पीड़िता भली भांति पहचानती जानती हैं सिर्फ नाम और उनके निवास के पते से अंजान है,के खिलाफ गंभीर एवं सुसंगत धाराओं का मुकदमा पंजीकृत होते हुए भी। एक माह से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी अभियुक्त स्वक्षंद वातावरण में आजाद पक्षी की तरह उड़ते एवं साक्ष्यों को समाप्त करने की प्रक्रिया में गतिशील है। मुकदमा वापसी का दबाव बना रहे हैं। साथ ही पीड़ित महिला ने आरोप लगाए है की विवेचक उपनिरीक्षक भार्गव ने अभियुक्तों से साठगांठ से अपने अधीनस्थ परिक्षेत्र में बुलाने के बाद भी गिरफ्तारी करने की बजाय स्वागत सम्मान किया है।
विवेचक उपनिरीक्षक भार्गव के कृत्य का लिखित संज्ञान जनपद पुलिस अधीक्षक,बांदा को देकर विवेचक उपनिरीक्षक भार्गव से सही विवेचना एवं न्याय मिलने से इंकार किया है साथ ही निवेदन किया है की किसी अन्य थाने के सक्षम अधिकारी को विवेचना स्थानांतरित करने का निवेदन किया था। पीड़ित ने पुलिस विभाग की शिथिल कार्यशैली के चलते, मुझ व्यभिचार से पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय अभियुक्तों को संरक्षण देने में जुटी हुई है। न्याय पाने के लिए जो भी करना पड़ा वो चाहे धरना या अनशन या आत्महत्या से जान देना पड़े। जीते जी न्याय नहीं मिलेगा तो मरने के बाद तो न्याय मिलेगा ही, ये घोषणा कर के मरूंगी।