ब्यूरो उन्नाव
उन्नाव तहसील सफीपुर ,थाना फतेहपुर 84 , के अंतर्गत बहुचर्चित चौराह, तकिया चौराहा रोड साइड अत्य अधिक अतिक्रमण होने कारण आदिन यात्रियों को जाम के झाम से जूझना पड़ रहा है, तथा स्कूली बच्चों को आने, जाने में अत्य अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, मार्केट वालों ने अपने, अपने सामने PWD की भूमि पर ठेला, खोँच्चा, काउंटर लगवाकर किराया वसूल करते हैं, यही नहीं मोटी रकम वसूली जाती है,यदि कोई यात्री इमरजेंसी में साइड मांगता है तो उससे झगडा फसाद पर आमादा हो जाते हैं, जस्ट डामर रोड तक दुकाने सजाई जाती हैं और फिर उसके आगे बाइकें, रिक्शा, आटो खड़े कर दिये जाते हैं,जिससे यातायात अधिकतर बाधित रहता है,जहाँ निरंतर दुघाटनाएँ भी होती रहती हैं ।
इसी अतिक्रमण के कारण जब कोई दुर्घटना घट जाती है तब यही जनता जाम लगाकर अधिकारियों को मुँह चिढ़ाने का काम करती है , 23,11,024 को चडीगढ, दिल्ली, पँजाब चलने वाली डागामार् बस से एक कडेक्टर सामान उतारने में 11000, विधुत लाइन से टच हो गया था जो बाल, बाल बच गया । पुलिस चौकी के गेट तक अतिकृमण हो रखा है फिर भी प्रशासन मौन ?
इसके पहले ऐसे ही अतिक्रमण के कारण ग्राम सराँय मजरा पतौली के छोटे लाल राठौर का जवान बेटे की जान मुख्य चौराहे पर दुर्घटना में जा चुकी है , जबकि लखनऊ टू बांगरमऊ रोड की चौड़ाई पुराना मानक, 120 ,फुट व नया मानक 130 ,फुट है,जिसमें यातायात के लिए 50, फुट भी नहीं सुरक्षित है,क्या संबंधित अधिकारी,कर्मचारी अपनी संपत्ति की देख, रेख करने नाकाम हैं यदि हाँ, तो समझो योगी जी को खुला ठेंगा दिखाकर चैलेंज कर रहे हैं कि, योगी जी आपके आदेशों का कोई फर्क नहीं , ,
यदि एक सप्ताह में यातायात को निजात न दिला पाए अधिकारी, तो समझो सरकार की नहीं ये दबंग लोगों की नौकरी करके सीधे सरकार को ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं ।भू राजस्व परिसर के कर्मचारी,अधिकारी देखकर , जानकर भी बन जाते हैं अंजान आखिर ऐसा क्यों !
कब मिलेगी यातायात को जाम की झाम से निजात यह एक बड़ा सवाल है ।