सूरज कुमार मिश्रा ब्यूरो उन्नाव
उन्नाव। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 सत्य प्रकाश ने बताया है कि जनपद में 21 नवंबर से 04 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवारा चलाया जा रहा है।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि इस सारथी वाहन पर चस्पा परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी के साथ माईकिंग के माध्यम से लोगों को पुरुष नसबंदी के साथ अन्य साधनों की जानकारी भी दी जाएगी। यह जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करेगा। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन केवल महिला की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पुरुषों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। एनएसवी महिला नसबंदी की अपेक्षा बहुत ही आसान विधि है।
इस मौके पर परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. हरिनंदन प्रसाद ने कहा कि पूरे पखवारे में चार कार्यदिवसों पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सारथी वाहन समुदाय को जागरूक करने का काम करेंगे इसके साथ ही जनपद में इस दौरान जनपद में सास-बेटा-बहु सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा जिसके माध्यम से तीनों को एक मंच पर लाकर छोटा परिवार सुखी परिवार के लाभों से परिचित कराया जाएगा। नोडल अधिकारी ने बताया कि (एनएसवी पखवारा) का आयोजन दो चरणों में 21 नवम्बर से 04 दिसम्बर तक किया जा रहा है। पहले चरण में मोबिलाइजेशन फेज 21 नवंबर से 27 नवंबर तक द्वितीय चरण में सेवा प्रदायगी फेज 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुषों की भागीदारी से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
उन्होने बताया कि मोबाइलजेशन फेज में एएनएम और आशा द्वारा पुरुष गर्भनिरोधक साधनों के प्रयोग के लिए इच्छुक दंपत्तियों की पहचान होगी एवं पुरुष लाभार्थियों को एनएसवी के लाभ बताते हुए इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। अभियान के दौरान पोस्टर, बैनर, पेटिंग के माध्यम से आम जनमानस को जागरूक किया जाएगा। नियत सेवा दिवसों (एफडीएस) के माध्यम से एनएसवी की प्रक्रिया की जाएगी। इस साल इस अभियान की थीम है “स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा“। नोडल अधिकारी ने बताया कि एनएसवी विधि के द्वारा किए जाने वाली पुरुष नसबंदी में न तो चीरा लगता है, न टांका लगता है और न ही पुरुष की पौरुष क्षमता में कमी या कमजोरी होती है। यह सरल ऑपरेशन मात्र 10 मिनट में हो जाता है। ऑपरेशन के एक घंटे बाद आदमी घर जा सकता है और 72 घंटे बाद व्यक्ति अपना रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लिए पुरुषों को ही आगे आना चाहिए, क्योंकि पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है।