प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट में दावा किया कि दिल्ली की आबकारी नीति सार्वजनिक होने से काफी पहले कुछ शराब निर्माताओं को लीक कर दी गई थी। शराब ठेकों के लिए 100 करोड़ रुपयों का लेन-देन हुआ। जांच में यह भी पता चला कि डिजिटल साक्ष्य मिटाने के इरादे से तीन दर्जन महत्वपूर्ण लोगों ने 140 से ज्यादा मोबाइल फोन बदले।
अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश : जांच एजेंसी ने फ्रांस की शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के दिल्ली क्षेत्रीय प्रमुख बिनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत को इसकी जानकारी दी। ईडी ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि चुनिंदा व्यापारिक समूहों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत अग्रिम रूप से दी गई थी।
31 मई को लीक हुई नीति : जांच एजेंसी ने कहा, इन लोगों में सभी मुख्य आरोपी, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और अन्य संदिग्ध शामिल हैं। एजेंसी ने कहा कि उसके पास सबूत है कि यह नीति पिछले साल 31 मई को कुछ शराब निर्माताओं के लिए लीक हुई थी, जबकि इसे दो महीने बाद 5 जुलाई, 2021 को सार्वजनिक किया गया था। ईडी ने आरोप लगाया कि बिनॉय बाबू ने दिल्ली शराब घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और शराब कारोबारी समीर महेंद्रू और अन्य के साथ मिलकर अनैतिक तरीकों से बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए निर्माताओं-थोक-खुदरा विक्रेताओं का गठजोड़ बनाया।