मेडिकल स्टोर के नाम से चलती है क्लीनिक गाजीपुर कस्बे पर उच्च अधिकारियों के द्वारा जांच हो जाए तो हो सकती है कार्यवाही विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी–
बहुआ मार्ग पर पीपल के पेड़ के नीचे संचालित हो रही क्लीनिक–
फतेहपुर जनपद के गाजीपुर कस्बा में अवैध मेडिकल स्टोर,पैथोलॉजी एवं हॉस्पिटल का मकड़जाल फैला हुआ है और स्वास्थ्य विभाग आराम से कुंभकर्णी नींद फरमा रहा है। आपको बताते चलें कि गाजीपुर कस्बा में बहुआ मार्ग पर एक पीपल के पेड़ के नीचे करीब 10 से 15 वर्षों से बिना बोर्ड के मेडिकल संचालित हो रही है जिसके आड़ में एक मिनी क्लीनिक चलाई जा रही है। इतना ही नहीं क्षेत्रीय जनता का कहना है कि यह मेडिकल स्टोर केवल नाममात्र के लिए मेडिकल स्टोर है बाकी इसमें मरीजों के लिए सभी प्रकार के इलाज संभव है कोई भी मरीज जाता है सीधे उनके ग्लूकोज की बोतल लगा दी जाती है और सीधे साधे मरीज को बेवकूफ बनाकर उनसे पैसे ऐंठने का कार्य जारी रहता है।यही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गाजीपुर कस्बे में अवैध मेडिकल स्टोरों का मकड़जाल इतना फैला हुआ है कि गर्मी का सीजन शुरू होते ही सीधे मरीजों की जेबें ढीली करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है।क्षेत्रीय जनता भी ज्यादा दूर न जाने के कारण पास के ही मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खा लेते हैं और स्वयं ही अपनी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने लगते हैं।स्वास्थ्य विभाग को भी समय से मोटी रकम पहुंच जाती है तो ऐसी गर्मी में एसी के कमरे से बाहर निकलने की जद्दोजहद नहीं करते हैं और ग्रामीण क्षेत्र में अप्रशिक्षित लोग भोली भाली जनता को बेवफुफ बनाते रहते हैं
जहां एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री डा ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को चुस्त दुरुस्त करने की बात करते रहते हैं लेकिन जनपद फतेहपुर में स्वास्थ्य विभाग उनके आदेशों/निर्देशों को पलीता नजर लगाते दिखाई दे रहे हैं।फतेहपुर में शहर क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मोहल्ले तक में एक दो कमरों में कुछ दवाईयां रखकर अपने आपको स्वयं ही डॉक्टर की उपाधि दे लेते हैं लेकिन डिग्री का कहीं कोई पता ही नहीं।आखिर स्वास्थ्य विभाग जनपद के अंदर किस बड़ी घटना के घटित होने का इंतजार कर रहा है-