मुरादाबाद। संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई सुनियोजित हिंसा में चौकाने वाली कहानी सामने आई है। जेल भेजे गए 27 आरोपितों से पूछताछ में योजनाबद्ध तरीके से हुई हिंसा की कहानी उजागर हुई है। पुलिस के अनुसार तय तैयारी के अनुसार ही पहले से घरों की छतों पर ईंट, पत्थर व कांच की बोतलें एकत्र की गई थीं।
महिलाओं को दो टूक संदेश था कि यदि मोर्चा लेने के दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में घिर जाएं तो बचाव के लिए छतों से वार कर देना। हुआ भी यही। उपद्रवियों के हावी होने पर पुलिस ने जब सख्ती की तो छतों से महिलाओं ने मोर्चा संभाला।
पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों पर हमला बोल दिया। ईंट, पत्थर व कांच की बोतलों से वार किया। इस पर पुलिस तितर-बितर हुई और मौका पाकर उपद्रवियों ने फायरिंग शुरू कर दी। आरोपितों से सरगना व हिंसा से जुड़े प्रमुख लोगों के नाम भी पता चले हैं। उनकी तलाश भी शुरू कर दी गई है।
कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो और फोटो के आधार पर आरोपितों को चिन्हित किया जा रहा है। अब तक 74 आरोपितों को चिन्हित किया जा चुका है। दूसरे जिलों के लोग भी शामिल होने की जानकारी मिल रही है। सभी दिशा में जांच चल रही है। हिंसा में संभल पुलिस ने जिन 27 आरोपितों को जेल भेजा है, उसमें दो महिलाएं रुकैया, फरमाना व एक युवती नजराना भी शामिल है।
हर आरोपित से अलग−अलग पूछताछ कर रही पुलिस
पुलिस ने हिंसा के संबंध में एक-एक आरोपितों से अलग-अलग पूछताछ की। फिर एक-दूसरे का आमना-सामना भी कराया। महिलाओं के घटना में शामिल होने के सवाल पर कहा गया कि तय योजना अनुसार हुआ। पुलिस पर हमले के बाद हालात बेकाबू होने की स्थिति में महिलाओं को घरों से बाहर निकलकर सामने आना था। यह रणनीति इसलिए थी कि महिलाएं जब आगे आ जाएंगी, तब पुलिस भी एक बार कदम पीछे खींचेगी और उपद्रवी इसका फायदा उठाकर भाग सकेंगे। हुआ भी यही। दोनों महिलाओं व युवती को पुलिस ने मौके से ही पकड़ा था।
शाहजहांपुर से भी बुलाए गए थे उपद्रवी, कई और जनपदों के जुड़े तार
जेल भेजे गए 27 आरोपितों में मो. हैदर शाहजहांपुर का निवासी है। आरोपित के आधार पर पुलिस ने इनपुट जुटाए तब पता चला कि शाहजहांपुर से भी उपद्रवी बुलाए गए थे। इतना ही नहीं कई और जनपदों के तार जुड़े होने की बात सामने आई है। दूसरे जनपदों के जिन आरोपितों के नाम सामने आए हैं, उनकी एक अलग सूची तैयार कर संबंधित जनपदों में टीमें भेजी गईं हैं।
इधर, हैदर के फोन सीडीआर (कॉल डिटेल रिकार्ड) की भी जांच की जा रही है। इसमें यह देखा जा रहा है कि संभल में जिस दिन जुमे की नमाज के दौरान एकजुट होने का संदेश फैला था, उस समय से लेकर घटना के ठीक पहले तक वह किस-किस के संपर्क में रहा। सभी के घरों पर पुलिस की टीमें भेजकर एक-एक के तस्दीक की कार्रवाई शुरू हो गई है।
युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में जुटने की हुई थी अपील
पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच में सामने आया कि हिंसा में बड़ी संख्या में नई उम्र के लड़के शामिल थे। जो नकाब में थे। बुधवार को सूचना विभाग द्वारा जारी वीडियो में भी युवा ही दिख रहे हैं। पूछताछ में पता चला कि युवाओं को अधिक से अधिक जुटने के लिए बाकायदा अपील की गई थी। तय योजना अनुसार, अंदरखाने एक-दूसरे तक संदेश पहुंचाया गया।
सर्वे से पहले मस्जिद में मौजूद थे लोग
जामा मस्जिद में रविवार तड़के एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव डीएम-एसपी व पुलिस फोर्स के साथ वीडियोग्राफी कराने गए थे। उस समय मस्जिद में सौ से अधिक लोग मौजूद थे। डीएम ने बताया कि मस्जिद में मौजूद लोगों को बाहर निकालने के बाद ही सर्वे किया गया था।
पहचान छिपाने को उपद्रवियों ने ईंट और डंडों से तोड़े थे सीसीटीवी कैमरे
हिंसा में पुलिस को सीसीटीवी के फुटेज खंगालने में पता चला है कि जामा मस्जिद वाले रूट पर लगे कैमरों की रेकी की गई थी। इसके बाद बवाल से ठीक पहले कैमरों को निशाना बनाया गया। कुछ युवक सीसीटीवी कैमरे की ओर इशारा करते हैं और कुछ ही देर में उसको ईंट मार कर तोड़ देते हैं। इसके अलावा एक व्यक्ति डंडे से दूसरे सीसीटीवी को तोड़ता दिख रहा है।