अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 22, 23 व 24 नवम्बर को आयोजित किया गया। अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन कई ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह बना जिसमें लघु भारत, अनेकता में एकता, तथा विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन करने के अवसर मिले अभाविप द्वारा महेश्वर से पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष पर निकाली गई मानवंदना यात्रा प्रयागराज, अयोध्या से होते हुए अधिवेशन स्थल पर पहुंची। यात्रा के माध्यम से लोकमाता द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विशिष्टता के
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही व तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल द्वारा किया गया। अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में महंत अवैद्यनाथ को समर्पित ‘महंत अवैद्यनाथ मंडप’ प्रदर्शनी का उद्घाटन 21 दिसम्बर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव श्री चंपत राय ने किया। महंत अवैद्यनाथ को समर्पित प्रदर्शनी में गोरखपुर का वास्तविक इतिहास, स्वाधीनता आंदोलन की गौरवगाथा, विश्वगुरु भारत, विद्यार्थी परिषद का 75 वर्षों का इतिहास, विविध क्षेत्रों में अभाविप के आयामों के कार्य, राष्ट्रीय एकात्मता, पर्यावरण आदि की गतिविधियों को केंद्रित किया गया।
अभाविप के महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने वर्षभर में विद्यार्थी परिषद द्वारा पूरे देशभर में किये गये क्रियाकलापों पर आधारित महामंत्री प्रतिवेदन देशभर से सम्मिलित छात्रों के सम्मुख रखा। जिसमें देशभर में हुए अभाविप के कार्यक्रम, गतिविधियाँ, आंदोलन तथा 55,12,470 सदस्यता कर विश्व में सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में स्थापित होने का कीर्तिमान पुनः एक बार अभाविप ने प्राप्त किया है, यह जानकारी रखी। अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में सत्र 2024-25 हेतु पुनः निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही और नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी को चुनाव अधिकारी डॉ. प्रशांत साठे ने पदभार ग्रहण कराया गया।