अधिशासी अधिकारी ने पुराने आवास में जीणोद्धार हेतु 25 लाख रुपए का सरकार को लगाया चूना
गणेश अग्रहरि संवाद सूत्र मंडल संवाददाता प्रयागराज
कौशांबी। चरवा थाना क्षेत्र के चरवा गांव निवासी श्रेयांश मिश्रा पुत्र सुशील कुमार मिश्रा उत्तर प्रदेश सरकार को आइजीआरएस कर 4 सितंबर 2024 को शिकायत किया कि नगर पालिका परिषद मंझनपुर की अधिशासी अधिकारी प्रतिभा सिंह द्वारा नगर पालिका के पैसे का दुरुपयोग कर अपने ऐसो आराम के लिए किया गया और अधिशासी अधिकारी का नवनिर्मित नगर पालिका कार्यालय में आवास बने होने के बावजूद पुराने कार्यालय में नगर पालिका का लगभग 25 लख रुपए का दुरुपयोग करने तथा अपने निजी वाहन चलाने के लिए अभिषेक प्रजापति नामक व्यक्ति जो की मूल रूप से जनपद जौनपुर का निवासी है अधिशासी अधिकारी द्वारा नगर पालिका में नियुक्त दिखाकर उसका भी वेतन अप्रैल माह से लगभग निकल रही हैं और उससे अपना निजी वाहन चलाती है अधिशासी अधिकारी के द्वारा किए जा रहे जनता के धन का दुरुपयोग की जांच करवाते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई कर धन का दुरुपयोग करने वाले से धन की वसूली करने के संबंध में शिकायत किया ।29 अगस्त 2024 को अपराहन प्राप्त सूचना और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के संबंध में जिला अधिकारी महोदय द्वारा जनपद के अधिकारियों की बैठक आयोजित होने के कारण एवं 30 अगस्त 2024 व 31 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में ड्यूटी होने के कारण शिकायत की जांच नहीं की जा सकी 2 सितंबर 2024 को शिकायतकर्ता का बयान लेते हुए शिकायत की स्थलीय एवं अभिलेखीय जांच की जा रही थी लेकिन रिपोर्ट आख्या प्रेषित नहीं की गई शिकायतकर्ता के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाकर दिनांक 2 सितंबर2024 को शिकायतकर्ता के ऊपर मनगढ़ंत का आरोप लगाकर फीडबैक नकारात्मक दे दिया गया।
प्रकरण की जांच करने के लिए शिकायतकर्ता की अपील 2 सितंबर 2024 को सुना गया शिकायत ने अपने सत्यापित शपथ पत्र के साथ अपने हाथों के द्वारा अपनी शिकायत को दर्ज कराया शिकायत के मुख्य बिंदु अधिशासी अधिकारी प्रतिभा सिंह द्वारा नवीन कार्यालय में अधिशासी अधिकारी का आवास होने के बावजूद 25 लाख रुपए के शासकीय धन का दुरुपयोग कर पुराने भवन में अपने लिए आवास बनवाया एवं आवास में निवास होने के बावजूद एचआरए प्राप्त करना एवं अभिषेक प्रजापति जनपद जौनपुर को सरकारी धन पर अपने निजी ड्राइवर की हैसियत से उससे कार्य लेना। सब कुछ 2 सितंबर 2024 को उल्लिखित कर बयान दिया अधिकारियों ने प्रकरण की स्थलीय और अभिलेखीय जांच करने पर पाया कि अधिशासी अधिकारी प्रतिभा सिंह की नियुक्ति होने के समय नवीन कार्यालय भवन में अधिशासी अधिकारी आवास बना था अधिशासी अधिकारी द्वारा बताया गया कि वह आवास रिक्त नहीं था जिसके कारण पुराने नगर पंचायत कार्यालय की मरम्मत नियमा अनुसार टेंडर जारी कर पूर्व से कार्य कर रही कार्य दाई संस्था मेसर्स अंश इंटरप्राइजेज आजमगढ़ द्वारा करवाया गया है उक्त मरम्मत कार्य में 944293 मय जीएसटी कर सहित भुगतान किया गया है। उक्त के संबंध में अधिशासी अधिकारी ने के पूछने पर बताया गया कि पुराना नगर पंचायत कार्यालय नगर पालिका परिषद की संपत्ति है और मरम्मत करने योग्य थी जिसका मरम्मत का कार्य निर्माण अनुसार निविदा जारी कर कराया गया था उक्त से संबंधित अभिलेख आख्या के साथ संलग्न है जांच में अधिशासी अधिकारी द्वारा बताया गया कि मेरी नियुक्ति 27 फरवरी 2024 को नगर पालिका मंझनपुर परिषद में हुई थी और मार्च 2024 व अप्रैल 2024 में सरकारी आवास में निवास न करने के कारण क्रमशः दो महीने का आवास भत्ता लिया गया है किंतु मैं 2024 से उक्त मरम्मत कराए गए आवास में निवास करने लगी किंतु लेखा लिपिक द्वारा त्रुटि बस माह मई व जून का आवास भत्ता मुझे दिया गया था जिसके संज्ञान में आने पर मेरे द्वारा दो महीने की आवास भत्ता की धनराशि 5520 अपने वेतन से कटौती माह जुलाई 2024 के वेतन से कर दिया गया है । शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि अधिशासी अधिकारी द्वारा अवैधानिक रूप से नियुक्ति के पश्चात माह मार्च 2024 से जून 2024 तक वेतन के साथ आवाश भत्ते का लाभ लिया गया है शिकायत के पश्चात उनके द्वारा माह अगस्त में उनके द्वारा उक्त धनराशि रुपया 5520 सरकारी खाते में जमा किया गया है अधिशासी अधिकारी द्वारा यह कथन मेरे संज्ञान में आने पर उक्त धनराशि जमा की गई है सत्य प्रतीत नहीं होता है क्योंकि समस्त कर्मचारियों का वेतन इन्हीं के हस्ताक्षर से वितरित होता है अधिशासी अधिकारी द्वारा माह जुलाई प्राप्त माह अगस्त के वेतन से कटौती कराई गई जबकि इस संबंध की शिकायत इसके पूर्व हो चुकी थी इस संबंध में की गई शिकायत में बल प्रतीत होता है अधिकारियों ने जांच के समय में पाया कि अभिषेक प्रजापति नगर पालिका परिषद मंझनपुर में आउटसोर्सिंग के द्वारा सेवा प्रदाता के माध्यम से वाहन चालक के पद पर नियुक्त किया गया है इस संबंध में अधिशासी अधिकारी एवं लेखा लिपिक द्वारा अपने बयान में बताया गया कि कार्यालय का सरकारी कार्य ही कार्यालय अवध में लिया जाता है जांच के समय उपस्थित अवर अभियंता ओंमकार पटेल द्वारा अपने बयान में कहा गया कि अधिशासी अधिकारी महोदय के कार्यभार ग्रहण करने के दौरान नगर पालिका कार्यालय में स्थित आवासीय भवन खाली न होने के कारण पुराने नगर पंचायत कार्यालय भवन का नगर पालिका की संपत्ति होने के कारण नगर पालिका परिषद अध्यक्ष महोदय की स्वीकृत होने पर नियमानुसार मरम्मत का कार्य कराया गया इसके अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी के द्वारा आवास हेतु अन्य किसी मद से भुगतान नहीं कराया गया शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच उपलब्ध साक्ष्यों एवं अवर अभियंता अधिशासी अधिकारी मंझनपुर एवं लेखा लिपिक के बयानों के आधार पर की गई उपलब्ध साक्ष्यो से विदित है कि नगर पालिका परिषद मंझनपुर के नवीन कार्यालय भवन में अधिशासी अधिकारी एवं अवर अभियंता के निवास हेतु नवीन आवास निर्मित है नवीन आवास होने के बावजूद नगर पालिका परिषद मंझनपुर के पुराने कार्यालय भवन में अधिशासी अधिकारी के निवास हेतु मरम्मत करने में रुपया 944293 की शासकीय धनराशि का अव्यय किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है इसके संबंध में अधिशासी अधिकारी द्वारा बताया गया की नवीन कार्यालय भवन का आवास एकांत में एवं सुरक्षित न होने के कारण उसमें अकेली महिला अधिशासी अधिकारी द्वारा निवास करना सुरक्षित नहीं है इस कारण पुराने कार्यालय भवन में आवास की मरम्मत का कार्य कराया गया शिकायतकर्ता द्वारा अधिशासी अधिकारी मंझनपुर और वाहन चालक पर लगाए गए आरोप कुछ तथ्यों तक सही प्रतीत होता है जांच कर्ता अधिकारी तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्ट आख्या अग्रेषित किया है। जांच आख्या अग्रेषित करने के बावजूद भी अभी तक अधिशासी अधिकारी के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
अब यहां पर प्रश्न उठता है कि जिस अवर अभियंता से पूछताछ की गई है गवाही के रूप में बयान लिया गया है वह अधिकारी तो स्वयं 3 साल तक का अवैध रूप से सामुदायिक भवन में रहकर आवासीय भत्ता लिया है और सरकार को अवैध रूप से भत्ता लेकर सरकार को चूना लगाया है तो वह व्यक्ति जब स्वयं अवैध कार्य करता है तो इस व्यक्ति से साक्ष्य के रूप में बयान क्यों लिया गया। अवर अभियंता से साक्षी के रूप में बयान लेकर सरकार को और गुमराह किया गया है।