नई दिल्ली
मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येंद्र जैन और अन्य की जमानत याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला 16 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया। जैन ने अदालत से जमानत देने का आग्रह करते हुए कहा कि अब उन्हें हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल की अदालत ने सत्येंद्र जैन के साथ ही वैभव जैन व अंकुश जैन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय सहित आरोपी व्यक्तियों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। न्यायाधीश ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है। इस मामले की सुनवाई के दौरान, सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि उन्हें अब और जांच की आवश्यकता नहीं है और उन्हें आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने बुधवार को अदालत को बताया था कि आप नेता को तिहाड़ के अंदर विशेष सुविधा मिल रही है। जांच एजेंसी ने जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला स्पष्ट रूप से बनाया गया है। ईडी ने अंकुश और वैभव द्वारा दायर जमानत याचिकाओं का भी विरोध करते हुए कहा है कि राहत मिलने पर वे न्याय से भाग सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।