निक्षय पोषण योजना के तहत दिए जाते हैं इलाज के दौरान हर माह एक हजार रूपये
एचसीएल फाउन्डेशन और रीच संस्था संडीला और अहिरोरी में बांटीं कुल 1187 पोषण पोटली
हरदोई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने बताया है कि साल 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य में अब कुछ समय ही बाकी है। इसको लेकर सरकार और स्वयंसेवी संस्थाएं लगातार प्रयासरत हैं। इसी क्रम में एचसीएल फाउन्डेशन और रीच संस्था के सहयोग से दो ब्लाक संडीला और अहिरोरी में इस साल जनवरी महीने से “ टीबी एलिमिनेशन एवं डिमॉन्स्ट्रेशन” प्रोजेक्ट चल रहा है। जिसके तहत इन दो ब्लाक में फरवरी से अब तक कुल 1187 टीबी मरीजों को पोषण पोटली दी गयी है।




मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीजों के इलाज में जितना महत्व नियमित दवाओं के सेवन का होता है उतना ही महत्व प्रोटीनयुक्त पौष्टिक तत्वों का होता है इसलिए मरीजों को जहाँ पोषण पोटली दी जाती है वहीं निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान टीबी मरीजों के खाते में 1000 रूपये दिए जाते हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अखिलेश बाजपेयी ने बताया कि टीबी मरीजों को प्रोटीन, विटामिन और फैट का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसलिए पोषण पोटली में मूंगफली, सोयाबीन, भुना चना, गुड़, सरसों का तेल और खजूर दिया जाता है। टीबी मरीजों में दवा सेवन के साथ पोषण पर जोर इसलिए रहता है क्योंकि पोषण गुणवत्ता पूर्ण जीवन को बढ़ाता है। अगर व्यक्ति दवाओं के साथ लागतार प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करता है तो उसमें दवा सेवन के प्रतिकूल प्रभाव कम देखने को मिलते हैं। ठीक होने के बाद टीबी दोबारा होने की सम्भावना कम हो जाती है। दवाओं का अवशोषण बेहतर होता है और वह जल्द प्रभावी होती है।जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि पूरे जनपद में इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 10,932 टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन हुआ है।
