हरदोई। रफी अहमद किदवाई इण्टर कालेज एवं श्री सरस्वती सदन के संयुक्त तत्वाधान में कालेज के भव्य पंडाल में हुये विराट कवि सम्मेलन व मुशायरा में देश के प्रख्यात हास्य, देश प्रेम, श्रृंगार एवं वीर रस की कविताओं से खूब तालियाँ बटोरी। कवि सम्मेलन में इन्दौर, रीवां आगरा, दिल्ली, सीतापुर व हरदोई के कवियों एवं शायरों को सुनकर पूरा पंडाल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। मुख्य अतिथि के रूप में माधवेन्द्र प्रताप सिंह रानू व विशिष्ट अतिथि के रूप में परियोजना निदेशक प्रेम प्रकाश त्रिपाठी मौजूद रहे।




कार्यक्रम का शुभारम्भ द्वीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। मंचासीन कवियों एवं शायरी को मुख्य अतिथि विधायक विधायक श्री रानू प्रबन्धक सुयश वाजपेयी, प्रधानाचार्य डा० अमित कुमार वर्मा आदि में माल्यार्पण कर स्वागत किया। स्वागत उदबोधन में भवन निर्माण समिति के मुख्य संयोजक अरुमेश वाजपेयी ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथ के साथ सम्मानित कवियों व शायरों का स्वागत किया। संचालन डा० देश दीपक शुक्ल ने किया।
कवि सम्मेलन का शुभारम्भ सरस्वती वंदना के पश्चात रौवां से आये कामता माखन ने अपनी हास्य रचनाएँ प्रस्तुत कर लोगों को हँसने के लिये मजबूर किया। आगरा से आये गीतकार विनोद साँवरिया ने भौतिकता पर कटाक्ष करते हुये कहा “धरा का धरा पर धरा ही रहेगा, सदा सिधु जल से भरा ही रहेगा। सीतापुर से आयी मोहतरमा सना लहरपुरी ने अपनी शेरो शायरी पेश कर श्रोताओं की तालियों बटोरी। वीर रस के कवि मनुव्रत वाजपेयी ने दिल्ली यूनीवर्सटी के प्रकरण पर खेद जनक टिप्पणी करते हुये कहा “अनपढ़ देश के नेता अपनी देश भक्ति में सच्चे थे। ऐसे मूर्ख कन्हैया से तो कंस के वंशज अच्छे थे” पर खूब तालियों बजी। दिल्ली से आयी कवियत्री प्रीति त्रिपाठी ने श्रृंगार परक रचनाएं व गीत सुनाकर लोगों को गुनगुनाने के लिये मजबूर किया। वीर रस के हस्ताक्षर वेदयत वाजपेयी ने राष्ट्र भक्ति पूर्ण रचनाएं प्रस्तुत करते हुये कहा “हम उसके दीवाने है जो वंदेमातरम् गाते है” इन्दौर से आये प्रोफेसर राजीव शर्मा ने संचालक की भूमिका निभाते हुये कहा “जो लोग अपने इस्क अपने लक्ष्य से सुबह शाम करते है चोंद व तारे भी झुककर उसे सलाम करते हैं” प्रस्तुत किया। शायर आलम रब्बानी ने कहा “मैं तीर हूँ तुलसी का खुसरों की कमा हूँ मैं हिन्द की परवाज ए सुखन हिन्दी जुीं हूँ’ प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन सदन मंत्री मनीष मिश्र ने जताया।
