जनपद चित्रकूट के कर्वी कोतवाली अंतर्गत कर्वी कस्बे के बेड़ीपुलिया मे गोस्वामी तुलसीदास राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय कर्वी चित्रकूट में कौंसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोफलॉजी उ0प्र0 द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय बौद्धिक समपदा अधिकार (IPR) विषयक जागरूकता संगोष्ठीय का शुभारम्भ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ0) विनय कुमार चौधरी एवं मुख्यअतिथि प्रोफेसर संजय प्रसाद शर्मा उच्च शिक्षा निदेशालय उ0प्र0 तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सूर्यकांत चतुर्वेदी डॉ0 राजेश कुमार श्रीवास्त व डॉ0 विष्णुु प्रताप सिंह डॉ0 अमित कुमार तिवारी के द्वारा किया गया। बता दे कि मुख्य अतिथि प्रोफेसर संजय प्रसाद शर्मा ने छात्र/छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आई0पी0आर0 का मतलब है किसी भी व्यक्ति के द्वारा बौद्धिक सृजन पर उसका कानूनी अधिकार। बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का उद्देश्यय मानवीय सृजनशीलता को व्यापक पैमाने पर बढावा देना है। कॉपीराइट पेटेंट ट्रेडमार्क व्यापार रहस्यो डाटाबेस अधिकार आदि बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के उदाहरण हैं। ये अधिकार हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों को रचनात्मकता एवं इनवेंशन के लिए भी प्रोत्सा्हित किया। विशिष्ट अतिथि सूर्यकांत चतुर्वेदी ने कहा कि बौद्धिक सम्प्दा अधिकार कानूनी अधिकार है जो वैज्ञानिक साहित्यिक या कलात्मिक क्षेत्र में बौद्धिक गतिविधि के परिणाम स्वरुप रचनाओं या आविष्कारों की रक्षा करते हैं। सबसे आम आई0पी0आर0 में पेटेंट कॉपीराइट चिन्ह और व्यापार रहस्यमय शामिल हैं। वही डॉ0 राजेश कुमार श्रीवास्तव, एसो0 प्रोफेसर अतर्रा महाविद्यालय अतर्रा ने कहा कि हमें आई0पी0आर0 से सम्बन्धित सकारात्मक पहलुओं की खोज करनी चाहिए तथा उन्होंनें बताया कि आई0पी0आर0 का कार्य है अविष्कारों ट्रेडमार्क डिजाइन रचनात्मक सामग्री या अन्य अमूर्त सम्पत्तियों के निर्माण और दोहन के आधार पर नये उत्पादों का विकास वितरण और नई सेवाओं के प्रावधान को संरक्षित और प्रोत्सााहित़ करना है। डॉ0 विष्णुाप्रताप सिंह ने कहा आई0पी0आर0 सांस्कृतिक संरक्षण को बढावा देने का काम करता है एवं सांस्कृतिक विविधता को बढाता है जिससे बडे पैमाने पर समाज लाभान्वित होता है। संगोष्ठी के संरक्षक एवं प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ0) विनय कुमार चौधरी ने कहा कि आई0पी0आर0 मनुष्य को मह्त्वपूर्ण अधिकार प्रदान करता है जिनमें कॉपीराइट पेटेंट आदि से हम अपनी पहचान वैश्विक स्तर पर बना सकते हैं एवं स्वयं के साथ अपने समाज को भी लाभान्वित करते हुए देश का गौरव बढा सकते हैं। इनके पूर्व कार्यक्रम के प्रारम्भ में विषय प्रवर्तन करते हुए संगोष्ठी के संयोजक डॉ0 सिद्धांत चतुर्वेदी ने कहा कि इनोवेशन एण्ड क्रिएटिविटी आज के दौर में बहुत आवश्यक है हम सब को पेटेंट कॉपीराइट एवं क्रेट डिजाइन जैसी चीजों के बारे में जागरूक रहने की आवश्यकता है जिससे हम अपनी सृजनशीलता को आसानी से संरक्षित कर सकते हैं।
संगोष्ठी के दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता रहे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी के सहायक आचार्य वनस्पति विज्ञान डॉ0 अमित कुमार तिवारी ने बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों कॉपीराइट पेटेंट ट्रेडमार्क व्यापार रहस्य डाटाबेस अधिकार आदि को व्यवहारिक स्तदर पर छात्र/छात्राओं को समझाते हुए बताया कि ये अधिकार आधुनिक युग में सबसे मूल्यवान सम्पत्ति है क्योंकि यह मानवीय विकास को गति देने वाले तकनीकी नवाचार को बढावा देती है साथ ही वैश्विक कला परिदृश्य पर परिदृश्य की उन्नाति में सहायक होती है। यह एक ऐसा अधिकार है जो व्यक्तियों और कम्पनियों को उनके रचनात्मक एवं अभिनय कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। आई0पी0आर0 के मुख्य प्रकारों में आविष्कारों के लिए पेटेंट ब्राण्डिंग के लिए ट्रेड मार्क कलात्मिक एवं साहित्यिक कार्यों के लिए कॉपीराइट उत्पााद की प्रस्तुति के लिए औद्योगिक डिजाइन शामिल हैं। संगोष्ठी में आये अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 धर्मेन्द्री सिंह एवं डॉ0 अतुल कुमार कुशवाहा के द्वारा किया गया । संचालन डॉ0 वंशगोपाल एवं डॉ0 गौरव पाण्डेय के द्वारा किया गया। संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राध्याापक डॉ0 राजेश कुमार पाल डॉ0 रामनरेश यादव डॉ0 सीमा कुमारी डॉ0 अमित कुमार सिंह डॉ0 मुकेश कुमार डॉ0 हेमन्त कुमार बघेल डॉ0 राकेश कुमार शर्मा नीरज गुप्ता डॉ0 आशुतोष कुमार शुक्ला डॉ0 रचित जायसवाल डॉ0 गजेन्द्र सिंह तथा डॉ0 बलवन्त सहित सैंकड़ो की संख्या मे छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।