मेरठ। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने दिल्ली हाईवे स्थित ग्रेटर पल्लवपुरम से कारतूसों कार के अंदर से कारतूसों का जखीरा पकड़ा। यह खेप अंतर्राष्ट्रीय तस्कर राशिद अली ले जा रहा था। कारतूसों की खेप राणा इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स देहरादून से आई थी।
राशिद अली ने बताया कि यह रेंज राणा ब्रदर्स की है। पद्मश्री से सम्मानित निशानेबाज जशपाल राणा के भाई द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित सुभाष राणा ने ही कारतूसों की सप्लाई मेरठ के लिए भेजी थी।
यह कारतूस शूटिंग खिलाड़ियों पर इटली से मंगाकर तस्करी की जाती है। एसटीएफ ने राशिद अली के बयानों पर सुभाष राणा और उसके साथी सक्षम मलिक को भी आरोपी बना दिया है।
एसटीएफ ने बरामद किए 1975 कारतूस
एसटीएफ एएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि वेस्ट यूपी में अवैध हथियार और कारतूसों की बड़े पैमाने पर सप्लाई की जा रही है। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ की टीम ने दिल्ली हाईवे पर ग्रेटर पल्लवपुरम में चेकिंग शुरू कर दी।
शाम साढ़े चार बजे स्विफ्ट में सवार होकर राशिद अली पुत्र शमशाद अली निवासी ग्राम जोला, थाना बुढाना, मुजफ्फरनगर को रोक लिया। कार के अंदर से एसटीएफ की टीम ने 1975 कारतूस 12 बोर के मेड इन इटली बरामद किए।
राशिद ने पूछताछ में बताया कि यह कारतूस की खेप देहरादून की राणा इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स (आरआईएसएस) से मेरठ लेकर आ रहा था। रेंज के मालिक द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित निशानेबाज सुभाष राणा और उनके साथी सक्षम मलिक ने कारतूस की खेप मेरठ के लिए भेजी थी। उन्होंने कहा था कि मेरठ के बेगमपुल पर पहुंचने के बाद फोन पर बताएंगे कि कारतूस कहां पर जाने है।
सुभाष राणा और सक्षम मलिक को भी आरोपी बनाया
राशिद अली ने बताया कि कारतूस शूटिंग खिलाड़ियों के लाइसेंस पर शूटिंग रेंज में मंगाए जाते है। यह कारतूस भी इटली से मंगाकर तस्करी किए जा रहे थे। तस्करी में पद्मश्री से सम्मानित निशानेबाज जशपाल राणा के भाई सुभाष राणा और उनके साथी सक्षम मलिक की अहम भूमिका है। एसटीएफ ने मुकदमे में सुभाष राणा और सक्षम मलिक को भी आरोपी बनाया गया।
एएसपी ने बताया कि विदेश से कारतूस मंगाकर देश के कई राज्यों में तस्करी की जा रही है। सुभाष राणा और सक्षम मलिक की गिरफ्तारी के बाद ही काफी जानकारी मिलेगी। राशिद के खिलाफ पल्लवपुरम थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया। उसके कब्जे से 1975 कारतूस और कार को बरामद कर लिया।