वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सुझाव दिया कि गाजा में विस्थापित फिलिस्तीनियों को युद्धग्रस्त क्षेत्र के बाहर स्थायी रूप से बसाया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने प्रस्ताव दिया कि अमेरिका इस क्षेत्र के पुनर्विकास को लेकर अपने ‘स्वामित्व’ में लेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप के इस साहसिक प्रस्ताव से निश्चित रूप से इजराइल-हमास युद्ध विराम वार्ता के अगले चरण में बाधा उत्पन्न होगी. इससे गाजा में बंधक बनाए गए शेष बंधकों की रिहाई पर प्रभाव पड़ेगा. यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इस सप्ताह वार्ता में तेजी आ रही है.
ट्रंप 18 लाख फिलिस्तीनियों को गाजा से बाहर करना चाहते
15 महीने से अधिक समय से चल रहे विनाशकारी संघर्ष के बाद गाजा के लोगों की मदद के लिए मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण आपूर्ति बढ़ाने का वादा किया गया है. अब ट्रंप लगभग 18 लाख लोगों को उस भूमि को छोड़ने के लिए मजबूर करना चाहते हैं जिसे वे अपना घर कहते हैं. संभवतः अमेरिकी सैनिकों के साथ इस क्षेत्र पर अपना दावा करना चाहते हैं.
ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ व्हाइट हाउस में वार्ता के दौरान अपने विचारों को रखा जहां दोनों नेताओं ने इजरायल-हमास संघर्ष में नाजुक युद्ध विराम और बंधक समझौते पर भी चर्चा की और ईरान के बारे में चिंताओं को साझा किया.
ट्रंप का प्लान गाजा पर कब्जा कर सुंदर शहर बसाएंगे
ट्रंप का कहना है कि फिलिस्तीनियों वापस गाजा नहीं जाना चाहिए. उनका मानना है कि अभी गाजा रहने के लायक नहीं है. वह चाहते हैं कि फिलिस्तीनी फिलहाल किसी दूसरे स्थान पर जाकर रहें. वे ऐसे स्थान पर रहें जहां लोग खुश रहें. ट्रंप का प्लान है कि अमेरिका गाजा पट्टी का स्वामित्व ले लेगा और फिलिस्तीनियों को अन्यत्र बसाए जाने के बाद उसका पुनर्विकास करेगा. इस क्षेत्र को ‘रिवेरा ऑफ द मिडिल ईस्ट’ में बदला जाएगा जिसमें ‘दुनिया के लोग’ रहेंगे. इनमें फिलिस्तीनी भी शामिल हैं.
अमेरिका के सहयोगियों ने ट्रंप को आगाह किया
ट्रंप ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह विश्व स्तर पर हो. यह फिलिस्तीनियों के लिए अद्भुत होगा. खासकर फिलिस्तीनियों के लिए, जिनकी हम बात कर रहे हैं.’ मिस्र, जॉर्डन और मध्य पूर्व में अमेरिका के अन्य सहयोगियों ने ट्रंप को आगाह किया है कि गाजा से फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने से मिडिल ईस्ट की स्थिरता को खतरा होगा. संघर्ष के विस्तार का खतरा होगा और अमेरिका तथा उसके सहयोगियों द्वारा दो-राज्य समाधान के लिए दशकों से किया जा रहा प्रयास कमजोर होगा.
ट्रंप बोले- फिलिस्तीनियों को गाजा को छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है
फिर भी ट्रंप ने जोर देकर कहा कि फिलिस्तीनियों के पास गाजा के ‘मलबे के बड़े ढेर’ को छोड़ने के अलावा ‘कोई विकल्प नहीं है’. उन्होंने यह बात तब कही जब उनके शीर्ष सहयोगियों ने जोर देकर कहा कि युद्धग्रस्त क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए तीन से पांच साल की समय सीमा व्यवहार्य नहीं है. पिछले सप्ताह मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने गाजावासियों को पुनर्स्थापित करने के ट्रंप के आह्वान को खारिज कर दिया था.
लेकिन ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि मिस्र और जॉर्डन- साथ ही अन्य देश, जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया – अंततः फिलिस्तीनियों को स्वीकार करने पर सहमत हो जाएंगे. ट्रंप ने कहा, ‘आप दशकों पर नजर डालें, तो पाएंगे कि गाजा में हर जगह मौत ही मौत है. यह सालों से हो रहा है. अगर हम लोगों को स्थायी रूप से बसाने के लिए एक सुंदर क्षेत्र पा सकें, जहां वे खुश रह सकें. उन्हें गोली न मारी जाए जैसा कि गाजा में हो रहा है.’
गाजा के पुनर्निर्माण में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे गाजा के पुनर्निर्माण में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती से इनकार नहीं कर रहे हैं. वे इस क्षेत्र के पुनर्विकास पर ‘दीर्घकालिक’ अमेरिकी स्वामित्व की कल्पना करते हैं. ट्रंप ने अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने की संभावना के बारे में कहा कि हम जो भी आवश्यक होगा करेंगे.
गाजा के भविष्य पर व्हाइट हाउस का ध्यान ऐसे समय में आया है, जब इजरायल और हमास के बीच ताजा संघर्ष विराम अधर में लटका हुआ है. नेतन्याहू को गाजा में हमास लड़ाकों के खिलाफ अस्थायी संघर्ष विराम को समाप्त करने के लिए अपने दक्षिणपंथी गठबंधन और युद्ध से थके हुए इजरायलियों से प्रतिस्पर्धी दबाव का सामना करना पड़ रहा है. शेष बंधकों को घर वापस लाना चाहते हैं और 15 महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त करना चाहते हैं.
सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब लीग ने गाजा और कब्जे वाले पश्चिमी तट में फिलिस्तीनियों को उनके क्षेत्रों से बाहर निकालने की योजना को खारिज करने में मिस्र और जॉर्डन का साथ दिया.
ट्रंप शायद यह शर्त लगा रहे हैं कि वह मिस्र और जॉर्डन को विस्थापित फिलिस्तीनियों को स्वीकार करने के लिए राजी कर सकते हैं, क्योंकि अमेरिका काहिरा और अम्मान को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है. नेतन्याहू की सरकार के कट्टरपंथी दक्षिणपंथी सदस्यों ने विस्थापित फिलिस्तीनियों को गाजा से बाहर निकालने के आह्वान को स्वीकार कर लिया है.