कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि डॉ. भीम राव आंबेडकर भारत के पहले नारीवादी पुरुष थे। वे 1920, 30 और 30 के दशक में महिला दर्शकों के सामने भाषण देते थे। आज ऐसा करने वाले नेताओं को प्रोग्रेसिव माना जाता है। वे शनिवार को गोवा हेरिटेज फेस्टिवल में अपनी किताब ‘आंबेडकर : ए लाइफ’ के बारे में बात कर रहे थे।
आंबेडकर ने महिला श्रमिकों के लिए लड़ाई लड़ी
कांग्रेस सांसद ने कहा कि आंबेडकर ने उस दौर में महिलाओं से कहा था कि खुद को शादी के लिए मजबूर न होने दें। उन्होंने महिलाओं को सही समय पर अपनी मर्जी से शादी करने, देर से मां बनने और पति के साथ खड़े होने का आग्रह किया। जब वे बॉम्बे विधानसभा में विधायक थे तो उन्होंने महिला श्रमिकों और मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ी। उनके लिए महीने के मुश्किलों दिनों के लिए भी ज्यादा अवकाश देने की मांग उठाई।
दुनियाभर में महिलाओं की आवाज बनें आंबेडकर
आंबेडकर ने 1938 में महिलाओं के लिए एक विधेयक पास कराने की कोशिश की, जिसमें सरकारी फंड से बर्थ कंट्रोल को लेकर अभियान चलाने की बात थी। हालांकि उनका ये विधायक पास नहीं हो सका। 1975 में अमेरिका में भारत की छवि बेहद खराब थी। उसे सपेरों का देश समझा जाता था, लेकिन उसके बाद हमने तेजी से विकास किया। आज जब हम अमेरिका की स्थिति और भारत में मैरिटल रेप कानून को लेकर चल रही बहस को देखते हैं तो पता चलता है कि आंबेडकर ने दुनियाभर में महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
उन्होंने महिलाओं के मुद्दों को उस समय उठाया जब उन पर कोई ध्यान नहीं देता था। समाज में महिलाओं के अधिकार पुरुषों के लिए कोई मायने नहीं रखते थे। आंबेडकर ने दलितों के अधिकारों की बात तब की जब सवर्णों को लगता था कि ये स्वतंत्रता संग्राम से ध्यान भटकाने वाला साबित होगा। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की थी। हालांकि चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत हुई।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ट्रोलर्स पर भड़क गए। दरअसल, एक लड़की ने थरूर के साथ फोटो खिंचवाकर ट्विटर पर पोस्ट की थी। इस पोस्ट पर ट्रोलर्स ने आपत्तिजनक कमेंट्स करने शुरू कर दिए। इससे परेशान होकर लड़की को पोस्ट डिलीट करनी पड़ी। वहीं, थरूर भी इससे नाराज हो गए और ट्रोलर्स को नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि अपना बीमार दिमाग अपने पास ही रखें।