महोली (सीतापुर):




ग्राम पंचायत परसेहरा के प्रधान ने राज्य वित्त की धनराशि अपने व दो भाइयों के खाते में स्थानांतरित कर दी। यह पैसा विभिन्न कार्यों के नाम पर निकाला गया। नियम है कि, प्रधान अपने व किसी सगे-संबंधी को भुगतान नहीं कर सकते। सचिव ने भी इसकी अनदेखी की। बीडीओ ने जांच कमेटी गठित की है। एडीओ पंचायत ने दो सचिव व प्रधान से जवाब तलब करते हुए अभिलेख मांगे हैं। दैनिक जागरण ने दो फरवरी के अंक में ‘प्रधान ने स्वयं व भाइयों के खाते में किया भुगतान’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
इसमें परसेहरा के प्रधान कुनेंद्र यादव ने वर्ष 2021 से लेकर 2023तक नौ बार में 4,48,810 रुपये अपने खाते पर भुगतान किया। 2022 से 2024 तक अपने सगे भाई पीयूष को छह बार में 1,64,522 रुपये का भुगतान किया। वहीं, अपने चचेरे भाई अमित को 2021 से 2023 तक की अवधि में पांच बार में एक लाख, 48,748 रुपये का भुगतान किया। प्रधान ने अपने व भाइयों के खाते पर सात लाख 62,080 रुपये भुगतान किया है। यह धनराशि पांचवें, चौदहवें व पंद्रहवें राज्य वित्त की है। मजदूरी,तालाब में पानी भराने, स्कूल की चहारदीवारी मरम्मत आदि कार्यों के नाम पर यह पैसा निकाला गया। एडीओ पंचायत हरिकेश शुक्ल ने सचिव नीरज राणा, अंकित तिवारी व प्रधान कुनेंद्र यादव को नोटिस जारी की है। इनसे जांच के लिए संबंधित अभिलेख मांगे गए हैं। वहीं, बीडीओ ने जांच के लिए एडीओ प्रशांत शुक्ल ने कृषि हरिओम शुक्ल व अवर अभियंता लघु सिंचाई मोबीन खां को नामित किया है।
