चुनाव अधिकारी ने कहा- लोगों का चुनाव मे कोई इंटरेस्ट नही,लेकिन नही दे पाए प्रचार – प्रसार के साक्ष्य




चार ग्राम पंचायतों मे पांच सदस्यों के पद थे रिक्त, तीन ने किया नामांकन
जानकारी देने से क्यों कतराए खण्ड विकास अधिकारी राजेश तिवारी
मछरेहटा-सीतापुर विकास खण्ड मछरेहटा का एक नया मामला सामने आया है जिसमे ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्त पद को भरने के लिए गुपचुप तरीके नामांकन दाखिला हुआ, हम आपको बताते चले कि दिनांक 08-02-2025 को सेकेंड सैटरडे था विकास खण्ड कार्यालय बन्द था एवं बन्द है ऐसा बाहर से लोगो को आभासित भी हो रहा था, लेकिन सूत्रों के हवाले से उक्त दिनांक को सायं 06:00 बजे जानकारी मिलती है कि कुछ ग्राम पंचायतों मे पंचायत सदस्यों के पद रिक्त थे जिनका आज नामांकन हुआ है, इस सम्बन्ध मे खण्ड विकास अधिकारी राजेश तिवारी से जानकारी चाही गई तो बताया कि “हमारे पास कोई जानकारी नही है इस सम्बन्ध मे चुनाव अधिकारी (खण्ड शिक्षा अधिकारी मछरेहटा) से जानकारी ले लीजिए जबकि नामांकन के समय मौके पर उपस्थित थे।
उक्त के सम्बन्ध मे जब चुनाव अधिकारी (खण्ड शिक्षा अधिकारी मछरेहटा)जानकारी चाही गई तो बताया कि ” विकास खण्ड मछरेहटा की चार ग्राम पंचायतों मे ग्राम पंचायत सदस्यों के पांच पद रिक्त थे जिसमे भिठौरा- 02, नेवादा कला-01,कोडरी-01और हीरापुर मे 01 उक्त ग्राम पंचायतों से सिर्फ तीन लोंगों ने नामांकन किया है -1-अमिता पत्नी सुरेश कुमार-कोडरी , 2- प्रीती पत्नी बबलू- नेवादाकलां,दुर्गाप्रसाद पुत्र श्री चन्द्र- हीरापुर।
पांच पद रिक्त थे सिर्फ लोगों ने नामांकन किया? लोगों का इन चुनावों मे कोई इंटरेस्ट (दिलचस्पी,रुचिकर, मनोहर, चित्ताकर्षक) नही है। कोई इंटरेस्ट नही है या आपने ग्राम पंचायतों मे कोई जानकारी/प्रचार -प्रसार नही कराया? ऐसा नही है एडीओ पंचायत के द्वारा ग्राम सभाओं मे प्रचार -प्रसार कराया गया है।
इसके बाद उक्त के द्वारा कराये गये प्रचार-प्रसार की जानकारी/ साक्ष्य प्राप्त करने के लिए निर्बाध गति से दो बार काॅल खण्ड विकास अधिकारी को की गई लेकिन फोन नही उठाया इसी की पुनरावृत्ति चुनाव अधिकारी से की गई फोन नही उठाया , इसके बाद उक्त को ह्वाट्स ऐप के माध्यम से साक्ष्य के तौर पर जीपीएस फोटो/वीडियो को उपलब्ध कराने की मांग की गई जो आज खबर लिखने तक प्राप्त नही हुआ है।
सोचनीय बात यह है कि यह कि यदि खण्ड विकास अधिकारी नामांकन के समय मौजूद थे तो सूचना देने से कतराए क्यूँ?
यह कि जब लोंगो का इन चुनावों मे कोई इंटरेस्ट नही है तो सरकार फिर करोड़ो क्यों खर्च करती है?
यह कि यदि उपचुनाव को लेकर एडीओ पंचायत के जानकारी/प्रचार-प्रसार कराया गया तो साक्ष्य के तौर पर जीपीएस फोटो/वीडियो दो बीतने पर भी क्यों नही उपलब्ध कराए गए?
यह कि नामांकन प्रक्रिया कार्यालय परिसर के पिछले हिस्से मे गुपचुप तरीके से क्यों करायी गयी?

