सड़को के खामियाजे की कीमत चुकाते बेगुनाह राहगीर
मामला राष्ट्रीय राजमार्ग 43 का
उमरिया —उमरिया जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग के घटिया पन निर्माण, जर्जर गड्ढों वाली सड़क, उड़ती धूल, सड़कों की तरह तरह की गड़बड़ियों का खामियाजा इस मार्ग पर चलने वाले नागरिकों के लिए तो पहले से ही जानलेवा साबित हो रही थी,उस पर दुर्घटनाओं में बेगुनाह राहगीरों के मरने वाले लोगों का हर दिन बढ़ने वाले आंकड़े इस दुर्गम सड़कों की असलियत खोल रही है । विदित होवे कि राष्ट्रीय राजमार्ग 43 का निर्माण एक दशक पहले शुरू किया गया था, लेकिन इस मार्ग को पूरा होने में अभी कितना वक्त लगेगा यह उमरिया जिला प्रशासन के हाथों में फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा क्योंकि एक अदना सा ठेकेदार प्रशासन के नियंत्रण में नहीं रहा । मालुम होवे कि राष्ट्रीय राजमार्ग 43 का काम कटनी गुमला से शुरू होकर शहडोल संभाग के आखिर पूर्वी छोर तक बनाने का काम तीन पैच में शुरु किये गये थे , जिनमें से दो पैच तो समय के साथ पूरे हो गये, जबकि उमरिया से शहडोल तक का यह पैच जो कि उमरिया जिला प्रशासन के आधीन आता है , यह एक दशक के बाद भी आज निर्माणाधीन है। निर्माणाधीन सड़क के ठेकेदार से जिम्मेदार अधिकारियों ने यह जानने की कोशिश नहीं की गयी कि आखिर कार यह सड़क तय समय-सीमा पर क्यों नहीं बनायेंगी। राष्ट्रीय राजमार्ग की यह सड़क बनाई गई है वह भी घटिया पन की खास खबरों में सदा बनी रहीं । नव निर्मित इस राजमार्ग में जगह – जगह सड़कों में आयी असमय दरारें, असमतल, ऊबड़-खाबड़ से आज़ भी जुझना पड रहा है । राष्ट्रीय राजमार्ग के इस महंगी सड़क को , सड़क के संकेतक नहीं लगायें गये ।
राष्ट्रीय राजमार्ग की इन जरा -जरा सी खामियां देखने में भले ही कम दिखाई दे रही है परन्तु यह जरा सी चूक राहगीरों को जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है ।






