गीटेगा : मगरमच्छ इस दुनिया की सबसे शातिर और खतरनाक सरीसृप प्रजातियों में से एक हैं। जंगल में जितना खतरनाक बाघ होता है, पानी में वही आतंक मगरमच्छ का होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि नील नदी में एक ऐसा मगरमच्छ है जो किसी आम जलीय जीव से कहीं ज्यादा खतरनाक है। हम बात उस कुख्यात मगरमच्छ की कर रहे हैं जो अब तक 300 से अधिक जिंदगियों को निगल चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब शिकारी इसे पकड़ने पहुंचे तो इस मगरमच्छ ने उनके हर जाल को नाकाम कर दिया।
इस मगरमच्छ को पकड़ने के तमाम प्रयासों में से एक को ‘कैप्चरिंग द किलर क्रोक’ नाम की टीवी डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है। लेकिन हर प्रयास की तरह यह भी असफल साबित हुआ। गुस्ताव को पकड़ने के लिए मगरमच्छ शिकारी पैट्रिस फेय ने मिशन को अंजाम दिया था। लेकिन उनके जाल में सिर्फ क्षेत्र के कुछ छोटे मगरमच्छ ही फंसे। रिपोर्ट के अनुसार, गुस्ताव को पकड़ने के लिए टीम ने कई जाल बिछाए लेकिन विशालकाय जीव उनमें से किसी में भी नहीं फंसा।
पानी में मिला पिंजरा, गायब चारा
कई बार असफल होने के बाद शिकारियों ने एक आखिरी कोशिश की। उन्होंने जिंदा जानवरों के साथ एक पिंजरा लगाया। इस उम्मीद के साथ कि चारे की लालच में मगरमच्छ उसमें फंस जाएगा। शिकारी यह देखकर हैरान हो गए कि एक तूफानी रात के अगले दिन बकरी पिंजरे से गायब थी और खतरनाक जीव पिंजरे को पानी में खींच ले गया था। हालांकि टीम यह पता करने में नाकाम रही कि पिंजरा तूफान की वजह से टूटा या गुस्ताव उसे तोड़ने में कामयाब रहा। आखिरकार टीम ने अपनी हार स्वीकार कर ली।