आकांक्षा समिति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन
हरदोई
आकांक्षा समिति के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महाराणा प्रताप पी जी कॉलेज में “महिला समानता, सुरक्षा एवं सशक्तिकरण” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में “महिला अधिकार, सुरक्षा एवं समानता” पर चर्चा की गई, जिसमें उपस्थित प्रतिष्ठित वक्ताओं, शिक्षाविदों और समाजसेवियों ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने और उनके सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक संवाद स्थापित करने पर बल दिया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता और जनपद की प्रथम महिला वकील महामहिमा श्रीवास्तव ने महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत की सनातन सभ्यता महिलाओं के सशक्तिकरण का सर्वोत्तम उदाहरण है। रानी लक्ष्मीबाई, जीजाबाई, लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा जैसी महान महिलाओं का देश होने के कारण हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित लड़कियों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक किया और कानूनी दुरुपयोग से बचने की सलाह दी। वक्ता नमिता त्रिपाठी ने कहा कि हमारा देश अर्धनारीश्वर की संकल्पना में विश्वास करता है। हमें स्वतंत्रता पुरुषों से नहीं बल्कि समाज में व्याप्त बुराइयों से चाहिए। उन्होंने समाज में ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें महिलाएं और लड़कियां खुद को सुरक्षित, समान और सशक्त महसूस कर सकें। वक्ता डॉ श्वेता सिंह गौर ने कहा कि महिलाओं को अपनी क्षमता को पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने और निराशा से उबरने की सलाह दी। उनके अनुसार, परिवर्तन की शुरुआत पहले परिवार से करनी चाहिए, तभी समाज और देश में महिलाओं की स्थिति बदल सकेगी।
कार्यक्रम में सीडीओ सौम्या गुरुरानी ने कहा कि समाज में महिलाओं की स्थिति बदलने के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा और हर प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी। इस अवसर पर उन्होंने बालिकाओं और महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी।
मंच संचालन आलोकिता श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. निखिलेश शरण, आकांक्षा समिति की सदस्य ममता मिश्रा, कंचन वाजपेयी भी उपस्थित रहीं।।यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।





