रेलवे ने पिछले 16 महीनों में 177 कर्मचारियों को निकाला है। समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि जुलाई, 2021 से हर तीन दिन में रेलवे के एक भ्रष्ट अधिकारी या नॉन-परफॉर्मर को बाहर निकाला है। अब तक 139 अधिकारियों को वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने के लिए मजबूर किया गया, जबकि 38 को सेवा से हटा दिया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि 139 में से कई अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने प्रमोशन नहीं मिलने या छुट्टी पर भेजे जाने पर इस्तीफा दिया या VRS का विकल्प चुना। इनमें ऐसे भी मामले हैं, जहां उन्हें रिटायरमेंट का विकल्प चुनने के लिए मजबूर करने के लिए परिस्थितियां बनाई गईं।
एक दिन पहले निकाले गए दो सीनियर ग्रेड ऑफिसर
एक अधिकारी ने जानकारी दी कि दो सीनियर ग्रेड अधिकारियों को बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया। इनमें से एक को CBI ने पांच लाख रुपए की रिश्वत के साथ हैदराबाद में, जबकि दूसरे को तीन लाख रुपए के साथ रांची में पकड़ा था। उन्होंने बताया कि रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रफॉर्मेंस को लेकर दिए गए अपने संदेश ‘काम करें या घर बैठें’ को लेकर बहुत स्पष्ट हैं।
अधिकारियों ने बताया- हमने जुलाई, 2021 से हर तीन दिन में रेलवे के एक भ्रष्ट अधिकारी को बाहर निकाला है। इसके लिए रेलवे ने कार्मिक और प्रशिक्षण सेवा नियमों के नियम 56 (जे) का उपयोग किया है, जो कहता है कि एक सरकारी कर्मचारी को कम से कम 3 महीने का नोटिस या समान अवधि के लिए भुगतान करने के बाद रिटायर या बर्खास्त किया जा सकता है।