राठ क्षेत्र में बेतहाशा हो रही हरे पेड़ों की अवैध कटान, दिनभर फर्राटा भरते हैं लकड़ियों से लदे टैक्टर
जनपद के राठ क्षेत्र में इन दिनों हरे पेड़ों की अवैध कटान माफियाओं के द्वारा अविवेकपूर्ण व अवैध तरीके से की जा रही है। तथा हरे पेड़ों की कटी लकड़ियों से लोड सैकड़ों ट्रैक्टर नगर के मुख्य मार्ग से निकलते हुए फर्राटा भरते हैं। बता दें कि राठ क्षेत्र में इन दिनों वन और लकड़ी माफियाओं का तेजी से जन्म हुआ है और सभी वन और लकड़ी माफिया सफेदपोशों और भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों की बदौलत राठ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न ग्रामीण इलाकों में हरे पेड़ों की जमकर अवैध तरीके से कटान कर रहे हैं। राठ क्षेत्र के चरखारी रोड पर स्थित लगभग आधा दर्जन गांवों के जंगलों व मझगवां थाना क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों सहित राठ नगर से सटे हुए अन्य सीमावर्ती गांवों में वन और लकड़ी माफियाओं के द्वारा महिलाओं के द्वारा कम समय में अमीर बनने की ख्वाहिश के चलते पर्यावरण का सत्यानाश करते हुए व्यापक पैमाने पर हरे पेड़ों को कटवाया जा रहा है। तथा इसके बाद कटी हुई लकड़ियों को टैक्टर पर लोड करवाकर उनका अवैध तरीके से व्यापार किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि नगर के विभिन्न मार्गों से निकलने वाले लकड़ियों से लोड टैक्टरों को प्रशासन या जनप्रतिनिधि देखते नहीं है। या वनों की अवैध कटान से वह बेखबर हैं। लेकिन इसके बावजूद भी संतुलित सिस्टम के चलते हरे पेडों की अवैध कटान का काला कारोबार बखूबी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक पूर्व लकड़ी माफिया ने इस काले कारोबार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राठ और सरीला क्षेत्र के अंतर्गत लगभग डेढ़ दर्जन लकड़ी कारोबारियों की अड्डियाँ संचालित हैं। तथा प्रत्येक अड्डी से व्यवस्था संतुलन के नाम पर 50 हजार रुपए प्रतिमाह रुपये की निकाले जाते हैं। संबंधित विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा कुछ पेड़ों को छूट प्रजाति के अंतर्गत रखा गया है फिर भर मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई कराई जाएगी।





