पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथियों ने अहमदिया समुदाय के कब्रिस्तान पर हमला किया। यहां संदिग्धों ने कब्रों को तोड़ दिया और उन पर अहमदी विरोधी नारे लिख दिए। इससे लोग बहुत डर में हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अहमदियों ने सरकार से न्याय की गुहार भी लगाई है।
अहमदिया समुदाय के नेता आमिर महमूद ने बताया- 22 नवंबर को संदिग्धों ने लाहौर से करीब 111 KM दूर हफिसाबाद जिले के प्रेमकोट में कब्रिस्तान में घुसकर वहां मौजूद कब्रों को तोड़ दिया। अनजान लोगों ने हमारे समुदाय की 4 कब्रों के साथ बेअदबी की। कई कब्रों पर लगे पत्थरों पर कुछ लिखा भी।
फरवरी में इसी कब्रिस्तान में हमला हुआ था
आमिर
महमूद ने कहा- ये घटना उसी कब्रिस्तान में हुई है, जहां फरवरी में 45
कब्रों को तोड़ा गया था। ये हमले पाकिस्तान में बढ़ती कट्टरता को दिखाता
है। इस तरह की घटनाओं से कई लोग आहत हुए हैं। उन्होंने सरकार से इंसाफ की
गुहार भी लगाई है। अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनको डर है कि
उन पर भी हमला हो सकता है।
अहमदिया को 1074 में गैर-मुस्लिम घोषित किया गया
पाकिस्तान
में 22 करोड़ आबादी में करीब 1 करोड़ लोग गैर-मुस्लिम हैं। 1974 में
पाकिस्तान की संसद ने अहमदिया समुदाय को गैर-मुस्लिम करार दे दिया था। 10
साल बाद उन्हें मुस्लिम कहने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। अहमदिया सऊदी
अरब की यात्रा भी नहीं कर सकते। वे किसी भी तरह का उपदेश नहीं दे सकते हैं।
अहमदिया खुद को इस्लाम का अनुयायी मानते हैं, लेकिन पाकिस्तान में मुस्लिम उन्हें खुद से अलग मानते हैं। हिंदू, ईसाई और अन्य धर्म के लोग जिस तरह पाकिस्तान में भेदभाव का सामना कर रहे हैं, ऐसे ही कुछ हालात इस समुदाय की भी है।