मप्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों के जरिए सप्लाई होने वाले पोषण आहार की व्यवस्था अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। टेक होम राशन (THR) बनाने वाले प्लांट से लेकर हितग्राहियों तक का पूरा ट्रेकिंग सिस्टम ऑनलाइन किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने संपर्क एप के जरिए टीएचआर का सिस्टम ऑनलाइन किया है। इससे टेक होम राशन में गड़बड़ी को रोकने में मदद मिलेगी।
मप्र में 97 हजार 137 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज छह महीने से तीन साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं (स्तनपान कराने वाली महिलाएं) और शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार दिया जाता है। अभी टीएचआर वितरण व्यवस्था ऑफलाइन है यानि कागजी प्रपत्रों में पोषण आहार वितरण की जानकारी एकत्रित कर विभाग को भेजी जाती है। इस व्यवस्था में सिर्फ पोषण आहार पाने वाले हितग्राहियों की सिर्फ संख्यात्मक जानकारी विभाग को भेजी जाती है। इस व्यवस्था में अक्सर ग्रामीण यह शिकायत करते हैं कि उनके आंगनवाड़ी केन्द्र में पोषण आहार नहीं बांटा जा रहा है।
अब ऐसा होगा सिस्टम
पोषण आहार बनाने वाले संयंत्रों (THR प्लांट्स) में डिमांड ऑर्डर के मुताबिक जैसे ही सप्लाई के लिए टीएचआर डिस्पैच होगा। प्लांट के स्टाफ को तुरंत भेजे जा रहे टीएचआर की जानकारी को संपर्क एप में दर्ज करना होगा। प्लांट के स्टाफ को एप में जिस परियोजना में टीएचआर भेजा जा रहा है उसकी डिमांड ऑर्डर के मुताबिक डिस्पैच किए जा रहे पोषण आहार की डिटेल दर्ज करनी होगी। जैसे ही प्लांट से जारी टीएचआर परियोजना कार्यालय पर पहुंचेगा, वहां के परियोजना अधिकारी उसे रिसीव करने के साथ ही एप में ही उसके स्टॉक की एंट्री करेंगे।
परियोजना कार्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्रों की डिमांड के मुताबिक पोषण आहार की डिलेवरी की जाएगी। परियाेजना कार्यालय से मिले पोषण आहार की आंगनवाड़ी केन्द्र पर कार्यकर्ता एप में एंट्री करेगी।
पोषण आहार के पात्र हर हितग्राही को टीएचआर वितरण के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को संपर्क एप पर एंट्री करनी होगी। मौजूदा टीएचआर वितरण व्यवस्था में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मासिक प्रगति पत्रक (MPR) में सिर्फ संख्यात्मक आंकड़े भरकर जानकारी भेजतीं हैं लेकिन अब हर हितग्राही को टीएचआर बांटने के तुरंत बाद एंट्री करनी होगी।
नए सिस्टम से रुकेगा फर्जीवाड़ा
महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों का दावा है कि जब हर हितग्राही को पोषण आहार देने के बाद उसके नाम सहित एंट्री की जाएगी तो गड़बड़ी और गलत रिपोर्टिंग पर रोक लगेगी। अभी मासिक प्रगति पत्रक में सिर्फ आंकड़े भरकर भेजे जाते हैं जबकि हकीकत में कई बार हितग्राहियों को टीएचआर मिलता नहीं। अब किस हितग्राही को कब-कब टीएचआर दिया गया ये हर बार जानकारी दर्ज की जाएगी।
ऑनलाइन एंट्री से ही जनरेट होगी टीएचआर की डिमांड
महिला एवं बाल विकास विभाग इस व्यवस्था को अगले दो महीने में पूरी तरह से लागू करने जा रहा है। जिसमें हितग्राहियों को वितरित किए जाने वाले टीएचआर की संपर्क एप पर की गई एंट्री से से गणना करके ही आंगनवाड़ी केन्द्र की खपत के मुताबिक टीएचआर की डिमांड जनरेट करेगा। एप पर एंट्री के मुताबिक ही टीएचआर की सप्लाई की जाएगी।
हर हितग्राही की एप में हो रही एंट्री
महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देश पर पूरे प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज हितग्राहियों की संपर्क एप पर एंट्री की जा रही है। इसमें समग्र आईडी के आधार पर छह महीने से तीन साल तक के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं और शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं के नाम और पूरी जानकारी दर्ज की जा रही है। हितग्राहियों की एंट्री का काम पूरा होते ही इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
रियल टाइम होगी मॉनिटरिंग
व्यवस्था
को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के साथ ही रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया
जा रहा है। इसके लिए संपर्क एप पर टीएचआर की एंट्री की जाएगी। प्लांट से
लेकर हितग्राही को टीएचआर वितरण होने की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज की
जाएगी। जल्द ही ये सिस्टम पूरी तरह से प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों
में लागू हो जाएगा।
अशोक शाह, अपर मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग
MP में टेक होम राशन, मुफ्त भोजन योजना में घोटाला:कागजों में बांटा 110 करोड़ का राशन
बीते दिनों प्रदेश में टेक होम राशन और मुफ्त भोजन योजना में बड़ा घोटाला सामने आया था। सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था। सीएजी ने 8 जिलों में सैंपल जांच में पाया था कि वर्ष 2018-21 के दौरान 8 जिलों की 48 आंगनबाड़ियों में रजिस्टर्ड बच्चों से ज्यादा को 110.83 करोड़ रुपए का राशन कागजों में बांट दिया गया। इतना ही नहीं, इन जिलों में करीब 97 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार स्टॉक में बताया था, जबकि करीब 87 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार बांटना बताया यानी करीब 10 हजार मीट्रिक टन आहार गायब था। इसकी कीमत करीब 62 करोड़ रुपए है।