परेश रावल ने गुजरात में पहले चरण की वोटिंग से पहले वलसाड में दिए बयान के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मेरा मतलब अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या से था। भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव प्रचार के दौरान परेश ने कहा था गुजरात के लोग महंगाई को बर्दाश्त तो कर लेंगे, लेकिन ‘बांग्लादेशियों और रोहिंग्या’ को नहीं।
सवाल करने वाले से कहा- मछली कोई मुद्दा नहीं
परेश
इस बयान पर बुरी तरह ट्रोल हुए। जब विवाद रुकता नहीं दिखा तो उन्होंने
माफी मांग ली। उन्होंने एक यूजर के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा-
"निश्चित रूप से मछली कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि गुजराती भी मछली
पकाते-खाते हैं। लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि बंगाली से मेरा मतलब अवैध
बांग्लादेशी और रोहिंग्या से है। लेकिन फिर भी अगर मैंने आपकी भावनाओं और
भावनाओं को ठेस पहुंचाई तो मैं माफी मांगता हूं।"
पढ़िए वो बयान जिससे हंगामा हुआ
वलसाड
में एक रैली में परेश ने कहा था, "गैस सिलेंडर महंगे हैं, कभी न कभी उनकी
कीमत कम हो ही जाएगी। लोगों को रोजगार भी मिलेगा। लेकिन अगर रोहिंग्या और
बांग्लादेशी आपके आसपास दिल्ली की तरह रहने लगे तो क्या होगा? गैस सिलेंडर
का आप क्या करेंगे? बंगालियों के लिए मछली पकाओगे? गुजरात के लोग महंगाई को
सहन करेंगे, लेकिन पड़ोस के बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को नहीं।"
गालियां देने वालों को मुंह पर डायपर पहनने की जरूरत
परेश
ने अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाते हुए कहा- "वो यहां प्राइवेट प्लेन से
आते हैं। फिर रिक्शे में बैठकर दिखावा करते। हमने एक्टिंग में सारी उम्र
गुजार दी लेकिन ऐसा नौटंकीवाला हमने भी नहीं देखा। उसने हिंदुओं को खूब
गालियां दीं और शाहीन बाग में बिरयानी परोसी थी। गुजरात के लोग महंगाई
बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन ये नहीं… वे जिस तरह गालियां देते हैं। उनमें
से एक शख्स को मुंह पर डायपर पहनने की जरूरत है।"