ईज ऑफ लिविंग रैकिंग के लिए ऑनलाइन सर्वे 23 दिसंबर तक चलेगा। अब तक रायपुर में केवल 52 सौ लोगों ने ही फीडबैक दिया है। पिछले साल के नंबर वन शहर बेंगलुरु में 26 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी राय दी है। दरअसल, ईज ऑफ लिविंग सर्वे में आम लोगों के फीडबैक का सबसे बड़ा रोल रहता है। इसी से किसी शहर को अच्छी या बुरी रैकिंग मिलती है। पिछले सर्वे में बेंगलुरु और रायपुर के बीच केवल 10.44 अंक का फासला रहा था। रायपुर को सर्वे में 56.26 अंक मिले थे। वहीं बेंगलुरु को 66.70 अंक हासिल हुए थे।
इसी के चलते रायपुर और बेंगलुरु के बीच 18 पायदान का फर्क आ गया था। स्मार्ट सिटी और नगर निगम की टीमें फीडबैक की संख्या को बढ़ाने के लिए अभी केवल जागरूकता कार्यक्रम तक ही सिमटकर रह गया है। जबकि जानकारों के मुताबिक दूसरे शहरों की तरह यहां भी अब मैदान में टीमें उतार कर डोर टू डोर कांटेक्ट के जरिए लोगों से फीड बैक भरवाना चाहिए।
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में 30 प्रतिशत अंक केवल फीडबैक पर ही निर्भर करते हैं। पिछले सर्वे में रायपुर में केवल 10 हजार लोगों ने ही रायशुमारी की थी। वहीं बेंगलुरु में ये संख्या पांच गुना से अधिक यानी 50 हजार से ज्यादा रही थी। जानकारों के मुताबिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मोबिलिटी (आवागमन) के साधनों का तंत्र अभी तक शहर में सही तरीके से विकसित नहीं हो पाया है।
ऐसे दे सकते हैं आप भी रायपुर के लिए फीडबैक
ईज
ऑफ लिविंग-2022 सर्वे में 17 सवाल पूछे जा रहे हैं। केंद्रीय शहरी एवं
आवसन कार्य मंत्रालय के दिए हुए वेब लिंक https://eol2022.org पर जाकर
नागरिक इसमें हिस्सा ले सकते हैं। सर्वे में रायपुर शहर के सार्वजनिक
परिवहन, आवास, पेयजल, विद्युत, शिक्षा, मनोरंजन, रोजगार, स्वच्छता, प्रदूषण
आदि से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं। नागरिक अपने सुझाव सीधे क्यूआर कोड
स्कैन कर भी दे सकते हैं।