पिछली सरकार में मंत्री रहे और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने एक बयान दिया है। मूणत ने प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बदले जाने पर कांग्रेस तंज कसते हुए कई तरह के आरोप लगाए हैं। यहां तक कह दिया कि प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के आगे पीएल पुनिया बेबस हो चुके थे। इसलिए उन्हें हटा दिया गया।
मंगलवार को जारी किए गए अपने बयान में राजेश मूणत ने कहा- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिला। मगर इसके बाद भी कांग्रेस के अंदर कलह चलती रही। 4 साल में पिछले प्रभारी पीएल पुनिया यहां के नेताओं में सुलह नहीं करा पाए। प्रदेश अध्यक्ष से संवादहीनता की हालत बनती है। बैठक में कांग्रेस नेताओं की नाराजगी नजर आती है। अध्यक्ष अलग बयान देते हैं। मंत्रियों की आपस में नहीं बनती।
मूणत ने कहा कि यहां कांग्रेस में गुटबाजी इतनी है कि नेता और सरकार में मंत्री आपस में बात नहीं करते। पूर्व प्रभारी पुनिया के पास विधायकों की रिपोर्ट आई तो एक मंत्री ने रिपोर्ट को नहीं मानता कह दिया। काग्रेस की गुटबाजी चरम पर है। अब इन्हें एक करने के लिए नए प्रभारी की नियुक्ति करनी पड़ रही है। नए प्रभारी हरियाणा से आए हैं । कांग्रेस को एक करने में कितने कामयाब होते हैं ये तो 2023 के रिजल्ट में पता चलेगा।
ठीक चुनाव से पहले बदलाव मतलब कुछ तो गड़बड़
मूणत
ने आगे कहा- चुनाव से ठीक 1 साल पहले पीएल पुनिया की छुट्टी किया जाना ,इस
बात को दर्शाता है कि बीते 4 साल में कांग्रेस के भीतर दिखाई दे रही
गुटबाजी को अब केंद्रीय नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है,किंतु प्रभारी बदलने
से गुटबाजी नहीं खत्म होने वाली हैं।
मूणत ने कहा कि लंबे समय तक छत्तीसगढ़ में प्रभार संभालने वाले पीएल पुनिया प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के सामने बेबस नजर आने लगे थे। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पीएल पुनिया की बातें सुनने वाला कोई नहीं बचा था। भारतीय जनता पार्टी का आचरण कांग्रेस की तरह नहीं है। नई प्रभारी कुमारी शैलजा कुमारी एक महिला है, उनका सम्मान हैं। विपक्ष होने के नातें हम छत्तीसगढ़ में उनका स्वागत करते हुए उम्मीद करते हैं कि वह असभ्य राजनीति पर उतारू हो चुके कांग्रेस के अन्य नेताओं को राजनीतिक मर्यादाओं के बारे में अवश्य बताएंगी।
कुमारी शैलजा को मिली है जिम्मेदारी
कांग्रेस
के केंद्रीय नेतृत्व में बदलाव होने का असर प्रदेश संगठनों पर पड़ने लगा
है। पिछले पांच सालों से प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रहे पीएल पुनिया की
छत्तीसगढ़ से छुट्टी हो गई है। हरियाणा की खांटी नेता और पूर्व केंद्रीय
मंत्री कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया गया
है। इस नियुक्ति को 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस
की नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई स्टीयरिेंग कमेटी की पहली बैठक के बाद नई नियुक्तियां होने लगी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार रात प्रदेश प्रभारियों के नियुक्ति आदेश जारी किए। इसमें तीन प्रदेश प्रभारियों का जिक्र है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है।
कौन हैं कुमारी शैलजा
हरियाणा
की खांटी राजनीति का चेहरा कहा जाता है। उनका जन्म 24 सितंबर 1962 को
हरियाणा के हिसार जिले हुआ था। नई दिल्ली के जीसस सेंट मेरी स्कूल में
शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र
में एमफिल किया। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला
कांग्रेस की अध्यक्ष बनने से की। वह दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद
रही हैं। 2014 से वर्ष 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। पिछले
लोकसभा चुनाव में अंबाला लोकसभा से चुनाव हार गई थी। वह यूपीए की दोनों
सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।