छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक ऐसी शादी हुई जो बेहद अनोखी थी। यहां तोहफों के नाम पर पैसों की बर्बादी नहीं हुई। बल्कि चिंतन हुआ पर्यावरण के संतुलन का। लोगों को भी प्रेरित किया गया वो अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से कैसे घटती हरियाली को बचा सकते हैं।
दरअसल इस शादी में दुल्हन को 101 पौधों के साथ विदा किया गया। जो मेहमान, दोस्त, रिश्तेदार इस शादी में आए थे उन्हें भी अनोखा तोहफा मिला। रिटर्न गिफ्ट में सभी को फलदार और औषधीय (मेडिसिनल) प्लांट्स दिए गए। ताकि वो न सिर्फ घर को हरा-भरा रखें बल्कि पौधों से उनका फायदा हो।
ये शादी है महतो परिवार की। दीपका, कोरबा जिले में रहने वाले निवासी चंद्रभूषण महतो और भुवनेश्वरी महतो की बेटी निशा का विवाह बालको निवासी भागवत जायसवाल और अनिता जायसवाल के बेटे स्वतंत्र जायसवाल से साथ हुआ। इस शादी में अपनी बहन को सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत महतो ने दहेज में 101 पौधे दिए गए जिसमें कई फलदार, छायादार पौधे शामिल हैं।
ऐसे आया आइडिया
प्रशांत महतो बताते है इस आइडिया के
पीछे कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संतुलन के
प्रति भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ने की कोशिश है। प्रशांत ने कहा
वैवाहिक समारोह में महंगे खर्चीले अनुपयोगी गिफ्ट देने की परंपरा भी बंद
होनी चाहिए। लोग जो गिफ्ट सामान देते हैं वो लोग या तो एक दूसरे को ही देते
रहते हैं या फिर कुछ समय में अनुपयोगी हो जाते हैं। लेकिन शिद्दत से लगाया
एक पौधा, पेड़ बनकर सैकडों सालों तक कॉर्बनडाई ऑक्साइड अवशोषित कर ऑक्सीजन
उत्सर्जित करता रहेगा।
खुद की शादी में मांगी थी पुरानी किताबें
प्रशांत महतो
ने 2017 में अपने विवाह के दौरान भी कार्ड में गिफ्ट के बजाय नई पुरानी
किताबें लाने की अपील की थी। प्रशांत अपने समूह चरामेति फाउंडेशन के जरिए
इस चलन को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। अब कई शहरों में इनका संगठन दशगात्र,
छठी, आदि कार्यकर्मो में भी पौधे आदान प्रदान करता है। अप्रेल 2018 को
अपनी एक और बहन मनीषा महतो के विवाह कार्यक्रम में उपहार में पौधे ही दिए
थे, अब तक प्रशांत 172 से ज्यादा वैवाहिक समारोह में पौधे दे चुके हैं।