अभी तक तलाक लेने के बाद दोबारा शादी करने के कई मामले सामने आए हैं। लेकिन, अब एक ऐसा मामला मामला सामने आया है जिसमें दंपती ने तलाक के दो साल बाद साथ रहने की इच्छा जताते हुए तलाक की डिक्री खत्म करने का आवेदन हाईकोर्ट में दिया है।
पति-पत्नी की सहमति और बच्चों के भविष्य को देखते हुए कोर्ट ने भी डिक्री खत्म करने के आदेश दे दिए हैं। भोपाल वेलफेयर सोसायटी के फाउंडर मेंबर जकी अहमद ने बताया कि यह इस तरह का प्रदेश का पहला मामला है। साथ रहने की पहल पत्नी ने की, जिसे पति ने भी स्वीकार कर लिया।
2019 में फैमिली कोर्ट से मिली थी तलाक को मंजूरी
जकी ने बताया कि इस दंपती की शादी 2009 में हुई थी। शादी के एक साल बाद बेटा और दो साल बाद बेटी का जन्म हुआ। 2015 में दोनों के बीच अलगाव शुरू हो गया। दोनों ने आपसी सहमति से बच्चों को दादा -दादी के पास ग्वालियर भेज दिया था और 2018 में तलाक के लिए आवेदन दिया। नवंबर 2019 में फैमिली कोर्ट से तलाक मिल गया। इसके बाद पति 25 हजार रुपए पत्नी को भरण पोषण भी देने लगा।
दोनों एक-दूसरे से मिलने लगे, महिला ने माफी मांगी
तलाक के बाद दोनों ने नए सिरे से जिंदगी शुरू करने के लिए शादी का विज्ञापन भी दिया। इसके बाद कई लोगों से मुलाकात की, लेकिन जीवन साथी में वे जो खूबियां ढूंढ रहे थे वह उन्हें किसी में भी नहीं मिल पाई। दोनों को बच्चों की कमी भी खलने लगी। इसके बाद दोनों ने एक दूसरे से फिर मिलना शुरू किया तो लगा कि वे एक दूसरे के लिए ही बने हैं। इसके बाद पत्नी ने ससुराल पहुंचकर बच्चों से मुलाकात की। सास- ससुर से भी अपनी गलतियों की माफी मांगी।
एक्सपर्ट ने कहा…दोबारा शादी करो या फिर डिक्री खारिज कराओ…
दोनों परिवार के बुजुर्गों ने भाई वेलफेयर सोसाइटी से विधिक सहायता मांगी। जकी ने बताया कि मामले में दोनों को एक्सपर्ट पैनल ने सलाह दी कि दोबारा शादी करें, लेकिन दंपती ने इनकार कर दिया। इसके बाद बताया गया कि फैमिली कोर्ट से डिक्री हुई है। जिसे हाईकोर्ट ही निरस्त कर सकता है। जिस पर उन्होंने हाईकोर्ट में आवेदन दिया। वहां दो सदस्यीय खंडपीठ ने बयानों और आपसी सहमति के बाद तलाक की डिक्री खारिज कर दी।