दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली इस समय वनडे क्रिकेट में अपने करियर के सबसे खराब फॉर्म में हैं। 34 साल के इस बल्लेबाज ने इस साल 18.90 के औसत से 189 रन बनाए हैं। वे बांग्लादेश के खिलाफ पिछली 2 पारियों में दहाई तक ही नहीं पहुंच सके। बुधवार को मीरपुर में खेले गए दूसरे वनडे में कोहली ने 5 रन बनाए। इस मुकाबले में 5 बड़े रिकॉर्ड्स बने। इनमें विराट कोहली की पारी के अलावा नंबर-8 बैटर का हाईएस्ट स्कोर, साल के टॉप रन स्कोरर जैसे 5 रिकॉर्ड्स शामिल हैं। सभी के बारे में हम इस खबर में जानेंगे।
18.90 के औसत से रन बना रहे कोहली
भारत
के पूर्व कप्तान विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे में 5 रन
बनाकर आउट हो गए। पहले वनडे में वह 9 रन ही बना सके थे। इस साल 10 वनडे में
उन्होंने महज 18.90 के औसत से रन बनाए। वह 2 फिफ्टी ही जड़ सके। 5 पारियों
में तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। 2008 में उनका औसत 31.80 का था।
इसी साल उन्होंने डेब्यू किया था। तब 5 मैचों में वह 2 फिफ्टी ही जड़ सके
थे।
2008 के बाद विराट ने 2015 में 36.64 के औसत से रन बनाए, इस दौरान उन्होंने 2 शतक और एक फिफ्टी लगाई थी। इसके अलावा किसी भी साल उनका औसत 43 से कम नहीं रहा। इन आंकड़ों से साफ है कि विराट अपने वनडे करियर में डेब्यू के बाद से सबसे खराब दौर में हैं।
2020 और 2021 के वनडे में विराट एक भी सेंचुरी नहीं लगा सके थे, लेकिन 2020 में खेले 9 मैचों में उन्होंने 47.88 के औसत से रन बनाए थे, इनमें 5 फिफ्टी शामिल हैं। 2021 में उन्होंने 3 ही मैच खेले। इनमें भी उन्होंने 43 के औसत से रन बनाए और 2 फिफ्टी जड़ दीं।
नंबर-8 बैटर का हाईएस्ट स्कोर
बांग्लादेश
के ऑलराउंडर मेहदी हसन मिराज ने दूसरे वनडे में 8वें नंबर पर बैटिंग करते
हुए सेंचुरी लगाई। उन्होंने 83 बॉल पर 100 रन की नॉटआउट पारी खेली। इसके
साथ ही उन्होंने वनडे में नंबर-8 पर बैटिंग करते हुए हाईएस्ट स्कोर की
बराबरी कर ली। आयरलैंड के सिमी सिंह ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 8वें नंबर पर
बैटिंग करते हुए शतक जड़ा था।
मेहदी ने बॉलिंग में 2 विकेट भी लिए। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच दिया गया। वह पहले वनडे में भी प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। उन्होंने 10वें विकेट के लिए 51 रन की पार्टनरशिप कर टीम को एक विकेट से जिताया था। इस लिस्ट में इंग्लैंड के सैम करन का नाम भी शामिल हैं। जिन्होंने भारत के खिलाफ 95 रन की नॉटआउट पारी खेली थी। हालांकि वे अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके थे।