शासकीय नवीन लॉ कॉलेज में शिक्षकों पर लगे धार्मिक कट्टरता फैलाने के मामले में गाज गिरी है। साथ ही सबूत के तौर पर जिस किताब को अभाविप छात्र नेताओं ने पेश किया था, वो प्रदेश के अन्य कॉलेजों में तो नहीं पढ़ाई जा रही है, इसकी तस्दीक भी उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से करवाई गई है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद मामले में कार्रवाई की गई है।
ये है वो किताब और उससे जुड़ा विवाद
लेखिका डॉ.फरहत खान की सामूहिक न्याय एवं दाण्डिक न्याय पद्धति किताब अभाविप छात्र नेताओं ने सबूत के तौर पर पेश की थी। किताब में विवादित कंटेंट लिखे गए हैं। स्टूडेंट ने आरोप लगाया था कि टीचर कक्षाओं में पढ़ाने के दौरान धार्मिक कट्टरता फैलाने का काम कर रहे हैं। किताब का रैफरेंस क्लास में दिया जाता है और स्टूडेंट को ये किताब पढ़ने के लिए टीचर कहते हैं।
ये बोले उच्च शिक्षा मंत्री यादव
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि प्रदेशभर के लॉ कॉलेजों में दिखवाया गया कि विवादित कंटेंट वाली किताब तो उनके यहां नहीं है। उससे पढ़ाया तो नहीं जा रहा है। प्रकाशक ने बयान दिए हैं कि जितनी भी किताबें थी, वो सब हमने बुलवा भी ली है।
कई स्टूडेंट पास आउट हुए, किताब से की पढ़ाई
वहीं दूसरी तरफ अभाविप छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि लंबे समय से ये किताब कॉलेज में लाइब्रेरी में रखी हुई थी। 2014 में इस किताब को कॉलेज में खरीदा गया। तब प्राचार्य डॉ.सुधा सिलावट थी। तब से लेकर अभी तक हर साल कई लॉ स्टूडेंट कॉलेज से पास आउट हुए हैं और किताब का विवादित कंटेंट उन्हें पढ़ाया गया है।
मंत्री के निर्देश पर नई कमेटी गठित हुई
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर शासकीय लॉ कॉलेज मामले में 7 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। समिति में डॉ. मथुरा प्रसाद अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा भोपाल, डॉ. किरण सलूजा प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा इंदौर, डॉ. अनूप कुमार व्यास प्राचार्य श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय इंदौर, डॉ. कुंभल खण्डेलवाल प्राध्यापक श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय इंदौर, डॉ. आरसी दीक्षित प्राध्यापक शासकीय होलकर विज्ञान स्वशासी महाविद्यालय इन्दौर और डॉ. संजय कुमार जैन प्राध्यापक शासकीय बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भेल भोपाल को शामिल किया गया। कमेटी ने गुरुवार को अपनी जांच रिपोर्ट उच्च शिक्षा आयुक्त को सौंपी। जिसके बाद कॉलेज प्राचार्य सहित पांच शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
दूसरी विवादित किताब भी आ चुकी है सामने
वहीं लेखिका डॉ.फरहत खान की दूसरी विवादित कंटेंट वाली किताब भी सामने आ चुकी है। ‘महिलाएं एवं आपराधिक विधि’ शीर्षक से लेखिका ने किताब लिखी है। ये किताब भी लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी हुई थी। अभाविप छात्र नेता लक्की आदिवाल ने जांच कमेटी सदस्यों को ये किताब भी सौंपी थी। कॉलेज में 2018-19 में ये किताब खरीदने का दावा छात्र नेताओं ने किया है।शासकीय लॉ कॉलेज में सामने आई विवादित किताब मामले में फरार चल रही लेखिका डॉ.फरहत खान को पुलिस ने पुणे के एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया है। लेखिका की हालत नाजुक बनी हुई है। किडनी में इन्फेक्शन के चलते उन्हें परिजनों ने अस्पताल में भर्ती किया था, फिलहाल उनका अस्पताल में ही इलाज चल रहा है। पुलिस ने पेश होने के लिए लेखिका को नोटिस सौंपा है। वहीं प्रकाशक की पत्नी की लोकेशन मुंबई आई है।