मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी के एक आदेश पर हैरानी जताते हुए उनसे पूछा कि आखिर क्यों सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने वाले के खिलाफ आपने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त के इस आदेश को गंभीरता से लेते हुए उनसे 4 हफ्ते में शपथ पत्र के साथ जवाब भी मांगा है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी से शपथ पत्र में जवाब मांगते हुए यह भी कहा है कि सूचना आयुक्त यह बताएं कि आखिर क्यों सूचना के अधिकार के एक्ट के तहत किस धारा के तहत आवेदक के खिलाफ आपने विभागीय जांच के निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने जवाब संतोषजनक ना पाए जाने पर राज्य सूचना आयुक्त पर जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी है। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए 4 हफ्तों पर जवाब भी मांगा है।
हाईकोर्ट में यह याचिका टीकमगढ़ के एक टीचर विवेकानंद मिश्रा ने दायर की थी। उनका कहना था कि जिला शिक्षा अधिकारी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी। बार-बार आवेदन देने के बाद भी जब जानकारी नहीं दी गई, तो सूचना आयोग में इसकी अपील दायर की गई। सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने अपील पर सुनवाई करते हुए आवेदक को जानकारी देने का निर्देश तो दिया लेकिन आवेदक विवेकानंद मिश्रा को आरटीआई एक्ट की गलत इस्तेमाल का दोषी ठहराते हुए टीकमगढ़ कलेक्टर को उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए।