बोट क्लब और वन विहार के बीच बड़े तालाब में अगले तीन महीने में 200 लोगों की क्षमता का एक क्रूज शुरू होने वाला है। सिंगापुर, गोवा और मुंबई जैसे शहरों में चल रहे क्रूज की तरह इस क्रूज में नीचे 100 लोगों की क्षमता का रेस्तरां और इसके ऊपर इतनी ही क्षमता का कॉन्फ्रेंस हॉल होगा। यानी तालाब के बीच में बैठकर डिनर किया जा सकेगा। आप अपना कोई फैमिली फंक्शन या कॉन्फ्रेंस भी यहां कर सकेंगे।
कलेक्टर अविनाश लवानिया की अध्यक्षता वाली जिला पुरातत्व, पर्यटन और संस्कृति परिषद पीपीपी आधार पर इस क्रूज का संचालन करेगी। क्रूज इस तरह से बनाया जा रहा है कि इसमें से बाहर से कोई छोटा-सा सामान भी तालाब में नहीं ले जा सके।
फर्स्ट फ्लोर ओपन होते हुए भी उसमें ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि हाथ से कोई भी सामान बाहर नहीं फेंका जा सके। क्रूज के इंजन में ग्रीन पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि इंजन की वजह से तालाब में कोई प्रदूषण नहीं हो। सुरक्षा के मानक पूरे करने के लिए नौसेना के जहाजों को सुरक्षा सर्टिफिकेट देने वाले नेवल आर्किटेक्ट से इसका प्रमाण- पत्र लिया जाएगा। इन दिनों केरल और विशाखापट्टनम में क्रूज का निर्माण चल रहा है।
ऐसा होगा नया क्रूज
यह क्रूज भोपाल को टूरिज्म नक्शे पर नई पहचान देगा। पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। मार्च तक इसके शुरू हो जाने की संभावना है।
बोट क्लब, वन विहार के बीच बन रहा जेट्टी-कम-वेटिंग लाउंज
बोट क्लब और वन विहार के बीच 4000 वर्गफीट में एक जेट्टी-कम-वेटिंग लाउंज बन रहा है। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर लोग इंतजार करेंगे और फर्स्ट फ्लोर पर जाकर एक मोटर बोट से क्रूज तक पहुंचा जा सकेगा, लेकिन यहां कोई परमानेंट स्ट्रक्चर नहीं बनाया जा रहा है।
इस जेट्टी के निर्माण को लेकर कुछ लोगों ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने जांच के लिए 5 लोगों की एक कमेटी बनाई। कमेटी ने रिपोर्ट एनजीटी में जमा करा दी है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होना थी, लेकिन यह आगे बढ़ गई। प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों का कहना है कि इसमें नियमों को ध्यान रखा गया है।