प्रदेश में महादेव ऐप, अन्ना बुकी जैसे ऐप के जरिये चल रहे ऑनलाइन सट्टा कारोबार को लेकर लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने इस पर हो रही पुलिस कार्रवाई को नाकाफी बताया है। सौरभ का कहना है, जब तक इस ऐप के दुबई में स्थित सरगना को नहीं पकड़ा जाता तब तक छोटे-छोटे बच्चों को इस दलदल में जाने से नहीं रोका जा सकता।
सुबोध ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ और रायपुर पुलिस को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली। लिखा, महादेव सट्टा ऐप पर लगातार कार्रवाई जारी है, यह देखकर अच्छा लगता है। परंतु हमें उसकी जड़ तक जाने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ पुलिस से निवेदन है कि इसके प्रमुख सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के व्यापारिक परिवार पर भी शिकंजा कसा जाए ताकि दुबई में बैठे दोनों आरोपियों को पकड़ा जा सके।
उसके तुरंत बाद सुबोध ने एक और पोस्ट में लिखा, छोटे-छोटे सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई करके कुछ हासिल नहीं होगा। महादेव ऐप की ऐसी हजारों शाखाएं हैं। जब तक सौरभ और रवि पर ध्यान नहीं देंगे हमारे प्रदेश के बच्चे इस दलदल में फंसते रहेंगे। सुबोध की इस बात से कांग्रेस में कई नेता सहमत नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है, सत्ताधारी कांग्रेस के भीतर भी सट्टा और नशे के कारोबार पर कार्रवाई को लेकर विमर्श शुरू हो गया है। कहा जा रहा है, इन मामलों में पुलिस कार्रवाई में तेजी नहीं आई और आने वाले समय में प्रभावी अंकुश नहीं लगा तो स्थितियां और खराब हो सकती हैं।
पुलिस जांच में भी परिवार का कनेक्शन सामने आया
एक दिन पहले दुर्ग पुलिस ने जामुल निवासी एक मेडिकल स्टोर संचालक नसीमुद्दीन को पकड़ा था। उसने पुलिस को बताया, महादेव सट्टा ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर के चाचा दिलीप चंद्राकर ने उसे नंबर दिया था। उसने ही सौरभ से बात कराकर उसे ऐप की आईडी दिलवाई। सौरभ चंद्राकर का यह चाचा दिलीप चंद्राकर नगर निगम में पंप ऑपरेटर है।
बकाया वसूली के लिए अपराधियों का गिरोह
जिस नसीमुद्दीन से पूछताछ में यह जानकारी आई है, पुलिस ने उसे दूसरी बार पकड़ा है। पिछली बार उसे जमानत मिल गई थी। छूटने के बाद उसने फिर से महादेव ऐप के लिए काम शुरू कर दिया। बताया गया, वह एक लोकल अपराधी राजू खंजर के साथ मिलकर एक वसूली गैंग बनाने जा रहा था। इसके जरिये वह महादेव पैनल के बकायादारों से वसूली करता। वसूल की गई रकम को दुबई में बैठे सौरभ चंद्राकर को भेजा जाना था।
अक्टूबर में फूटा था इस बड़े गिरोह का भंडा
प्रदेश में ऑनलाइन सट्टा कारोबार का संगठित रैकेट कई सालों से काम कर रहा है। इस साल सितम्बर-अक्टूबर में दुर्ग में पहली बड़ी कार्रवाई हुई। इस बीच रायपुर पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया। बताया गया, इस ऑनलाइन सट्टा कारोबार का संचालन महादेव ऑनलाइन बुकिंग एप, बुक वेबसाइट के जरिये किया जा रहा था। रायपुर पुलिस ने ओडिशा के झारसुगुड़ा, टिटलागढ़, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और भिलाई-दुर्ग में दबिश देकर दर्जन भर से अधिक लोगों को पकड़ा। ये लोग ऑनलाइन सट्टा, लाइव केसिनो, पोकर, लूडो, फुटबाॅल के गेम में बेटिंग करवाते थे। बाद में पुलिस ने लगातार कार्रवाइयां की हैं।