रायपुर की पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार किया है। ये जब भी कारोबारियों से मिलता था ताे खुद को वकील बताता था। इसने तो खुद का पेट नेम भी वकील ही रखा हुआ था, कहता था लोग मुझे वकील के नाम से जानते हैं। ठग का असल नाम देव सिन्हा है। इसने भिलाई के एक इंजीनियर के साथ करीब 58 लाख 50 हजार की ठगी की। छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों में ये बदमाश करोड़ों की ठगी कर चुका है।
लोगों को ठगने का काम पूरे प्रोफेशनल अंदाज में होता था। टिकरापारा इलाके में इसने सी.पी.डी.एल सर्विसेज प्रा.लिमिटेड नाम की फर्म खोल रखी थी। ऑफिस में बुलाकर लोगों को झांसे में लिया करता था। ठगी के कांड में इसका साथी सूरज विश्वकर्मा भी शामिल था। सूरज फिलहाल फरार है। भिलाई दुर्ग निवासी AKB इंजीनियरिंग कंपनी के प्रोपराइटर अनिल कुमार बंछोर के साथ इसने ठगी की और मामला पुलिस के पास पहुंचा था।
फाइबर केबल का काम दिलाने के नाम पर ठगा
पेशे
से इंजीनियर अनिल ने पुलिस को बताया कि जिला-कोरिया में ऑप्टिकल फाइबर
केबल बिछाने का 22 करोड़ 50 लाख रुपए का ठेका दिलाने के नाम पर साल 2020 में
देव सिन्हा और उसके साथी ने 18 लाख रुपए लिए। इसके बाद कुछ और बहाने बनाकर
रुपए लेकर कुल 58 लाख 50 हजार की ठगी हो गई। देव और सूरज फरार हो गए और तब
से पुलिस को इनकी तलाश थी। आखिरकार देव पकड़ा गया।
100 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी
खबर
है कि छत्तीसगढ़ के कुछ कारोबारियों को इसी तरह चूना लगाने के बाद ये अन्य
प्रदेशों में भी पहुंचे। ओडिशा, महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में 100 से अधिक
कारोबारियों को इसी तरह सरकारी काम का टेंडर दिलाने के नाम पर 10 करोड़ की
ठगी ये शातिर कर चुके हैं, पुलिस उन मामलों में भी देव से पूछताछ कर रही
है।
खुद को सरकारी विभागों में होना बताता था
लोग इस पर
विश्वास कर सकें, इसलिए देव सिन्हा न सिर्फ खुद को वकील बताता था। बल्कि कई
सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों का केस लड़ने जैसे दावे करता था। ये भी
कहता था कि वो सरकारी विभागों में विधिक अफसर है। पुलिस काे इस ठग के पास
से कुछ ID कार्ड्स भी मिले हैं।